AMU पर फैसला: 'मोदी भेदभाव करना करें बंद' AMU पर SC के फैसले के बाद असदुद्दीन ओवैसी ने साधा बीजेपी पर निशाना
- मोदी सरकार पर जोरदार निशाना
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार (8 नवंबर) को अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के अल्पसंख्क दर्जे को लेकर बड़ा फैसला सुनाया। इसी फैसले को लेकर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिममीन (All India Majlis-e-Ittehadul Muslimeen) लीडर असदुद्दीन ओवैसी ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। ओवैसी ने सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बाद कहा कि यह दिन मुसलमानों के लिए एक अहम दिन है। दरअसल, अदालत ने 1967 के फैसले को रद्द कर दिया जिसमें एएमयू यूनिवर्सिटी को माइनॉरिटी दर्जा देने से इनकार किया था।
मुसलमानों के लिए महत्वपूर्ण दिन- ओवैसी
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर ओवैसी ने एक बड़े से पोस्ट के जरिए अपना रिएक्शन दिया है। उन्होंने कहा कि- यह भारत के मुसलमानों के लिए एक अहम दिन है। 1967 के फैसले ने AMU के अल्पसंख्यक दर्जे को खारिज कर दिया था, जबकि वास्तव में यह अल्पसंख्यक था। अनुच्छेद 30 में कहा गया है कि अल्पसंख्यकों को अपने शैक्षणिक संस्थानों (Educational Institutions) को अपने तरीके से स्थापित और संचालित कर सकते हैं।
'ये अल्पसंख्यक संस्थान है'
एआईएमआईएम चीफ ने कहा- अल्पसंख्यकों के खुद को शिक्षित करने के अधिकार को बरकरार रखा गया है। मैं आज (8 नवंबर) AMU के सभी छात्रों और शिक्षकों को बधाई देता हूं। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि विश्वविद्यालय संविधान से पहले स्थापित हुआ था या फिर सरकार के कानून से स्थापित हुआ था। अगर अल्पसंख्यकों ने इसकी स्थापना की है तो यह अल्पसंख्यक संस्थान है। भारतीय जनता पार्टी के सभी तर्क खारिज हो गए।
एआईएमआईएम चीफ ने बीजेपी को घेरा
ओवैसी ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा- भाजपा ने इतने सालों तक एएमयू को अल्पसंख्यक का दर्जा दिए जाने का विरोध किया है। अब वह क्या करने जा रही है? उसने एएमयू और जामिया पर हमला करने की पूरी कोशिश की है, और मदरसा चलाने के हमारे अधिकार पर भी हमला किया है। बीजेपी को आत्मचिंतन करना चाहिए और अपने रास्ते में सुधार करना चाहिए।
मोदी को भेदभाव करना होगा बंद- ओवैसी
ओवैसी ने आगे कहा- मोदी सरकार को इस फैसले को गंभीरता से लेना चाहिए। उन्हें एएमयू को सपोर्ट करना चाहिए क्योंकि यह एक केंद्रीय विश्वविद्यालय भी है। जामिया को प्रति छात्र 3 लाख रुपये मिलते हैं, एएमयू को हर छात्र से 3.9 लाख रुपये मिलते हैं, लेकिन बीएचयू को 6.15 लाख रुपये मिलते हैं। जामिया और एएमयू ने राष्ट्रीय रैंकिंग में लगातार अच्छा प्रदर्शन किया है। सही समर्थन से विश्वविद्यालय विश्व स्तर पर प्रसिद्ध हो सकते हैं। लेकिन इसके लिए मोदी को उनके साथ भेदभाव करना बंद करना चाहिए। एएमयू का किशनगंज सेंटर पिछले कई सालों से खराब पड़ा है। इस पर भी तुरंत ध्यान दिया जाना चाहिए और सेंटर को जल्द से जल्द काम करना शुरू करना चाहिए।
1. It is an important day for Muslims of India. The 1967 judgement had rejected minority status of #AMU when in fact it was. Article 30 states that minorities have the right to establish and administer their educational institutions in a manner that they deem fit.2. The right…— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) November 8, 2024
क्या सुनाया कोर्ट ने फैसला?
एएमयू के अल्पसंख्यकों के दर्जे को लेकर 7 जजों की पीठ ने बहुमत से फैसला सुनाया। सर्वोच्च अदालत ने कहा कि AMU अल्पसंख्यक का दर्जा नए सिरे से तय करने के लिए तीन जजों की पीठ बनाई गई है