जम्मू-कश्मीर की विधानसभा में भारी हंगामा: अनुच्छेद 370 हटाने के खिलाफ पास हुआ प्रस्ताव, 15 मिनट के लिए विधानसभा स्थगित
- जम्मू-कश्मीर की विधानसभा में हुआ भारी हंगामा
- अनुच्छेद 370 हटाने के खिलाफ पास हुआ प्रस्ताव
- विधानसभा हुई 15 मिनट के लिए स्थगित
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर की विधानसभा में भारी हंगामा हुआ है। जिसके बीच अनुच्छेद 370 हटाने के खिलाफ प्रस्ताव पास हुआ है। जम्मू-कश्मीर विधानसभा का सत्र मंगलवार को शुरू हुआ था। जिसके बाद आज इसका दूसरा दिन है और दूसरे ही दिन अनुच्छेद 370 हटाने के खिलाफ प्रस्ताव पास हुआ है। अनुच्छेद 370 के खिलाफ प्रस्ताव पर जम्मू-कश्मीर विधानसभा में काफी हंगामा भी हुआ है। जिसके बीच डिप्टी सीएम सुरिंदर कुमार चौधरी ने इसके समाधान की मांग भी की थी लेकिन एलओपी सुनिल शर्मा ने इस पर आपत्ति जताई है।
सदन में हुआ भीषण हंगामा
विधानसभा में भीषण हंगामे के चलते ही जम्मू-कश्मीर विधानसभा में प्रस्ताव पास हो गया है। जिसके बीच बीजेपी ने सदन में हाहाकार मचा दिया है। इस हंगामे के बाद विधानसभा को करीब 15 मिनट के लिए स्थगित कर दिया गया था। लेकिन बीजेपी के सदस्यों का धरना जारी रहा था। बता दें 5 अगस्त साल 2019 को संविधान में संशोधन हुआ जिसमें जम्मू-कश्मीर से धारा 370 और 35A को हटा दिया गया था।
#WATCH | Srinagar: Ruckus breaks out at J&K assembly over a resolution on the restoration of Article 370.
— ANI (@ANI) November 6, 2024
Deputy CM Surinder Kumar Choudhary had demanded the resolution, LoP Sunil Sharma had objected to it. pic.twitter.com/2W5q12old0
क्या था अनुच्छेद 370?
अनुच्छेद 370 जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा दिलवाता था। जिसके तहत जम्मू-कश्मीर का अपना अलग संविधान था। साथ ही इसके तहत जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 1 के अलावा कोई और आर्टिकल लागू नहीं होता था। इस राज्य के विशेष दर्जे के चलते संविधान का अनुच्छेद 356 भी जम्मू-कश्मीर में लागू नहीं होता है। इसके अलावा देश के राष्ट्रपति के पास भी जम्मू-कश्मीर के संविधान को बर्खास्त करने का अधिकार नहीं था।
ऐसे लागू हुआ था अनुच्छेद 370
राज्य के निर्णय लेने के लिए देश की सरकार में व्यवधान देखने मिलते थे। जिसके बाद देश के तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और शेख मोहम्मद अब्दुल्ला ने मिल कर 5 महीने की लंबी वार्तालाप और सोच विचार करके आर्टिकल 370 लागू किया था। साल 1951 में इसके लिए जम्मू-कश्मीर में संविधान सभा भी बैठाई गई थी जिसमें करीब 75 सदस्य थे।