कोरोना वायरस: कोरोना वैक्सीन लगाने से भारत में हो रही है युवाओं की मौत? जानिए क्या कहती है आईसीएमआर की रिपोर्ट, स्वास्थ्य मंत्री ने क्या दी है हिदायत?
- कोरोना वैक्सीन से भारत में हो रही मौत!
- आईसीएमआर की रिपोर्ट आई सामने
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कोरोना महामारी से बचाने में वैक्सीन ने अहम भूमिका निभाई है लेकिन अब इसी को लेकर सवाल उठ रहे हैं कि वैक्सीनेशन की वजह से युवाओं की अचानक मौतें हो रही हैं। हाल ही में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने इस पर बयान दिया था कि गंभीर रुप से अन्य बीमारियों से जुझ रहे युवाओं को कोरोना संक्रमण से अभी कम से कम एक या दो साल तक बचना चाहिए। वैक्सीन पर उठ रहे सवालों के बीच भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद यानी आईसीएमआर की रिसर्च सामने आई है।
आईसीएमआर की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारत में युवाओं की अचानक मौत के पीछे कोरोना वैक्सीन जिम्मेदार नहीं है। रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि वैक्सीन की एक डोज लेने से भी मौत की संभावना खत्म हो जाती है। आईसीएमआर ने ये रिपोर्ट उस समय जारी की जब मलयालम टीवी आर्टिस्ट डॉ प्रिया की हार्ट अटैक से मौत हुई। साथ ही कई युवाओं की भी मौत की खबरें आ चुकी है। लोगों में बढ़ते भ्रम को देखते हुए आईसीएमआर ने कोरोना वैक्सीन और उससे होने वाली मौत को लेकर अपनी रिसर्च पेश की है।
आईसीएमआर की रिपोर्ट में क्या?
आईसीएमआर ने अपना रिसर्च 18 साल से लेकर 45 साल के बीच की है और मौतों के पीछे होने वाले कारणों का पता लगाने की कोशिश की है। इस रिसर्च में ये पता लगाने की कोशिश की गई है कि क्या कोरोना के डोज लेने से युवाओं में हार्ट अटैक आने की संभावना रहती है? ये रिसर्च इस महीने के शुरूआत में ही आईसीएमआर ने पूरी कर ली थी। अब इसी रिसर्च से खुलासा हुआ है कि, अत्याधिक शराब पीने वाले लोगों और गंभीर कोविड-19 संक्रमण होने की वजह से मौत होने की संभावना बढ़ जाती है।
18-45 साल के लोगों पर की गई रिसर्च
इस रिसर्च में 18-45 उन लोगों को शामिल किया गया था जो पूरी तरह से स्वस्थ्य थे। ये वो लोग थे जो पूरी तरह से स्वस्थ्य और इन्हें किसी तरह की कोई बीमारी नहीं थी। आईसीएमआर ने 1 अक्टूबर 2021 और 31 मार्च 2023 के बीच युवाओं की अस्पष्ट कारणों से अचानक मौतों की स्टडी की है।
मनसुख मंडाविया की सलाह
हाल ही मनसुख मंडाविया ने आईसीएमआर की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा था कि, जिन लोगों को गंभीर रूप से कोरोना संक्रमण का सामना करना पड़ा था उन्हें कार्डियक अरेस्ट से बचने के लिए एक या दो साल तक अपनी सेहत पर ध्यान देना पड़ेगा।