दिल्ली की नई सीएम: क्या अरविंद केजरीवाल के इशारों पर चलने को मजबूर होंगी आतिशी? बीजेपी ने क्यों कहा 'दिल्ली की पपेट सीएम'?
- दिल्ली की सीएम होंगी आतिशी
- बीजेपी ने तंज कसते हुए किया ट्वीट
- कैसे हुई थी आतिशी की आम आदमी पार्टी में एंट्री?
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आतिशी दिल्ली की नई मुख्यमंत्री चुनी गई हैं। आम आदमी पार्टी के विधायक दल की बैठक में आतिशी को विधायक दल का नेता चुना गया था। केजरीवाल की जगह अब आतिशी दिल्ली सरकार की सीएम होंगी। जिस पर बीजेपी की तरफ से तंज कसा गया है। बीजेपी ने तंज कसते हुए आतिशी को दिल्ली की पपेट सीएम कहा है। बीजेपी ने तंज कसते हुए कहा है कि वह केजरीवाल की पपेट हैं। बता दें कि खुद केजरीवाल की तरफ से मुख्यमंत्री पद के लिए आतिशी के नाम का प्रस्ताव रखा गया था। केजरीवाल को पिछले हफ्ते शराब घोटाले मामले में सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई है। जिसके बाद उन्होंने 15 सितंबर को घोषणा की थी कि वह दो दिनों के अंदर में सीएम पद से इस्तीफा दे देंगे।
कौन होगा डिप्टी सीएम?
सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली सरकार में कोई डिप्टी सीएम नहीं होगा। आतिशी विधानसभा के विशेष सत्र के समय मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगी। जो कि 26 या 27 सितंबर को होने वाला है। आतिशी दिल्ली की तीसरी महिला सीएम बनेंगी। वे अरविंद केजरीवाल कैबिनेट में सबसे हैवीवेट मंत्री रही हैं। उनका नाम ही सबसे आगे चल रहा है।
आतिशी कौन हैं?
आतिशी का जन्म दिल्ली में 8 जून, 1981 में हुआ था। ये पंजाबी राजपूत परिवार से आती हैं। साथ ही उन्होंने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से ग्रैजुएटेड हैं। आतिशी साल 2020 में पहली बार कालकाजी विधानसभा क्षेत्र से विधायक बनी थीं। साल 023 में पहली बार केजरीवाल सरकार में मंत्री बनीं थीं। साल भर के बाद वो मुख्यमंत्री बनने जा रही हैं। इन्होंने साल 2013 में पूर्वी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था लेकिन जीत हासिल करने में असफल रहीं थीं।
कैसे हुई थी आतिशी की आम आदमी पार्टी में एंट्री?
आतिशी ने स्कूली शिक्षा नई दिल्ली स्प्रिंगडेल स्कूल से की थी। सेंट स्टीफंस कॉलेज में हिस्ट्री की पढ़ाई की और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में शेवनिंग स्कॉलरशिप पर मास्टर की डिग्री हासिल की थी। वहीं कुछ साल बाद उन्होंने शैक्षिक अनुसंधान में रोड्स स्कॉलर के रूप में ऑक्सफोर्ड से अपनी दूसरी मास्टर की डिग्री हासिल की थी।
उन्होंने मध्य प्रदेश के एक छोटे से गांव में सात साल बिताए थे। जहां पर वो जैविक खेती और प्रगतिशील शिक्षा प्रणालियों से जुड़ीं थीं। साथ ही वहां पर वह कई गैर-लाभकारी संगठनों के साथ काम किया था। वहीं पर उनकी पहली बार आप के कुछ सदस्यों से मुलाकात हुई थी और पार्टी की स्थापना के समय वे पार्टी में शामिल हुई थीं।