अनुच्छेद 370: सुप्रीम कोर्ट में पांच जजों की बेंच ने जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाने के फैसले की समीक्षा में दायर पुनर्विचार याचिकाओं को किया खारिज
- 23 याचिकाएं दायर की गईं थीं
- पांच जजों ने पुनर्विचार याचिका खारिज की
- जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाने के फैसले की समीक्षा
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सर्वोच्च अदालत ने जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाने के फैसले की समीक्षा को लेकर दायर पुनर्विचार याचिकाओं को खारिज कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने संविधान में जम्मू कश्मीर से संबंधित अनुच्छेद 370 को लेकर फैसला सुनाया। शीर्ष कोर्ट ने केंद्र सरकार के कानूनी कदम को एक बार फिर सही बताया। समीक्षा याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के केंद्र सरकार के फैसले की वैधता को एक बार फिर बरकरार रखा।
इससे पहले सुको में 1 मई को चेंबर नोटिंग में विचार कर याचिकाएं खारिज कर दी। पांच जजों की पीठ ने सर्वसम्मति से माना कि मूल याचिका के 11 दिसंबर 2023 को दिए गए फैसले में कोई खामी नहीं थी। सुप्रीम कोर्ट रूल्स 2013 के रूल XLVII के मुताबिक भी कोई मामला नहीं बनता।
आपको बता दें पांच अगस्त 2019 को केंद्र की मोदी सरकार ने जम्मू कश्मीर से संबंधित संविधान के अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी कर दिया था। केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ 23 याचिकाएं दायर हुई थी। कोर्ट ने संविधान के अनुच्छेद 370 को हटाने के फैसले को वैध माना था। कोर्ट ने मुजफ्फर इकबाल शाह और अन्य याचिकाकर्ताओं की याचिकाओं पर दिए फैसले में केंद्र सरकार के फैसले को बरकरार रखा। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अगुआई वाली संविधान पीठ के पांच जजों ने सर्वसम्मति से पुनर्विचार याचिका खारिज की है। संविधान पीठ में जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एएस बोपन्ना शामिल थे।