उत्तरकाशी टनल हादसा: सुबह आठ बजे तक टनल से बाहर आ सकते हैं 41 मजदूर, ड्रिलिंग का काम अंतिम चरण में, रेस्क्यू टीम ने दी जानकारी

11 दिन से टनल में फंसे हैं 41 मजदूर

Bhaskar Hindi
Update: 2023-11-22 17:18 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। उत्तराखंड में उत्तरकाशी जिले के सिलक्यारा टनल में फंसे 41 मजदूरों के लिए राहत बचाव का कार्य जारी है। अब सुरंग में ड्रिलिंग का काम अंतिम चरण में पहुंच गया है। ऑगर मशीन से लगभग 44-45 मीटर तक की ड्रिलिंग पूरी हो गई है। अब करीब 12 मीटर की ही ड्रिलिंग होना बाकी है। रेस्क्यू टीम के सदस्य हरपाल सिंह ने कहा, "44 मीटर तक पाइप सुरंग के अंदर जा चुका है। 12 मीटर तक और जाना है। मलबे में कुछ स्टील के टुकड़े आ गए हैं और अब उनको काटा जा रहा है। लगभग एक घंटे में इन्हें काट लिया जाएगा। सुबह करीब 8 बजे तक ऑपरेशन पूरा हो जाएगा।"

अधिकारियों के मुताबिक, सुबह आठ बजे के दौरान कभी भी ड्रिलिंग पाइप सुरंग के अंदर फंसे लोगों तक पहुंच जाएगा। जिसके बाद सुरंग के जरिए सभी मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाला जाएगा। ये लोग 11 दिनों से टनल के अंदर फंसे हुए हैं। घटना स्थल पर 40 एंबुलेंस पहुंच गई हैं।

टनल से मजदूरों को बाहर निकालने के तुरंत बाद उन्हें उत्तरकाशी जिला अस्पताल ले जाएगा। जिला अस्पताल में 45 बेड लगाए गए हैं। जहां पर इन सभी मजदूरों का प्राथमिक उपचार होगा। अंदर फंसे लोगों को खाना, पानी और ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा रही है।

11 दिन से मजदूर टनल में हैं फंसे

12 नवंबर को उत्तराखंड के यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर निर्माणाधीन सिलक्यारा-बड़कोट सुरंग का एक बड़ा सा हिस्सा गिर गया था। जिसकी वजह से सुरंग में काम कर रहे हैं 41 मजदूर फंस गए थे। जिन्हें निकालने के लिए अब तक काम जारी है।

दिवाली के दिन काम कर रहे सुरंग में हादसे के बाद से 41 मजदूर फंस गए थे। जिसके बाद से शासन और प्रशासन रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटे हुए हैं। मजदूरों को बाहर निकालने के लिए सोमवार की रात को हरिद्वार से 900 एमएम के आयरन पाइप मौके पर पहुंची और ड्रिलिंग के लिए देहरादून से ऑगर मशीन भी मंगलवार तक पहुंची थी। मशीन को इस्तेमाल करने के लिए मंगलवार देर शाम तक प्लेटफॉर्म बना कर तैयार कर लिया गया था। 

सुंरग में सबसे ज्यादा झारखंड के मजदूर फंसे

उत्तरकाशी में सुरंग के लिए कार्यदायी संस्था एन.एच.आई.डी.सी.एल. ने बताया कि सुंरग में 2 उत्तराखंड, 1 हिमाचल, 5 बिहार, 3 पश्चिम बंगाल, 8 उत्तर प्रदेश, 5 उड़ीसा, 15 झारखंड और 2 असम के रहने वाले मजदूर हैं।

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