Bridge Collapsed in India: बिहार में पिछले 18 दिनों में गिरे 12 पुल, जानिए पूरे देश में साल दल साल कितने पुल गिरे
- पुल गिरने से कई लोगों की हो चुकी है मौत
- 2012 से 2021 के बीच 214 पुल गिरने के केस दर्ज हुए
- 2022 में गुजरात के मोरबी में पुल टूटने से 141 लोगों की मौत हुई
डिजिटल डेस्क, पटना। बारिश का मौसम जैसे ही शुरु हुआ वैसे ही बिहार में पुल गिरने के मामले सुर्खियों में आने लगे। पिछले कुछ दिनों से बिहार में पुल गिरने की खबर बार बार आ रही है। बिहार में 18 जून से पुल गिरना शुरू हुआ, पिछले 18 दिनों में 12 पुल गिर चुके हैं।
हर साल पुल गिरने से कई लोगों की मौत हो जाती है। साल 2012 से 2021 तक पुल गिरने से 285 लोगों की मौत हुई। इसमें साल 2012 में 62, 2013 में 53, 2014 में 12, 2015 में 24, 2016 में 47, 2017 में 10, 2018 में 34, 2019 में 26, 2020 में 10, 2021 में 5 लोगों की मौत हुई। साल 2022 में गुजरात के मोरबी में मच्छु नदी में बने पूल के टूटने से 141 लोगों की मौत हो गई थी। ये बड़ा हादसा था। एनसीआरबी के आंकड़ों पर नजर डालें तो देश भर में पुलों के गिरने की घटनाओं में कमी आई है। 2012-2013 में पुल गिरने की घटनाएं औसतन 45 थीं जो 2021 में घटकर 8 हो गईं।
आपको बता दें बिहार के अररिया जिले के सिकटी प्रखंड में 18 जून को सबसे पहला पुल धड़ाम से गिरा। इसके बाद पुल गिरने का सिलसिला ऐसा शुरु हुआ,जो अब थमने का नाम नहीं ले रहे है। बिहार में पुल गिरने में यदि छोटे मोटे पुलों को मिलाकर देखें तो कई पुल गिर चुके है। एक दिन 3 जुलाई को पांच पुल गिरे। अभी भी पुल गिरना जारी है।
पुल गिरने का ये कोई पहला मौका नहीं है, या यू कहे कि केवल बिहार में ही पुल गिरते है। भारत के अलग अलग राज्यों में पुल गिरने की खबर समय समय पर सामने आती रहती है। पूरे देश का रिकॉर्ड देखा जाए तो आप चकित हो जाएगे। निजी न्यूज चैनल आज तक ने एक रिपोर्ट के हवाले से लिखा है कि भारत में 1977 से 2017 के बीच 2130 पुल गिर चुके हैं (इसमें नाले और फुटओवर ब्रिज शामिल नहीं है)। रिसर्च के अनुसार भारत में पुल की औसत आयु 34.5 साल है। वहीं, पिछले कुछ सालों में पुल गिरने की घटनाओं पर नजर मारें तो फैक्टली की एक रिपोर्ट में एनसीआरबी के डेटा के हिसाब से बताया गया है कि साल 2012 से 2021 के बीच 214 पुल गिरने के केस दर्ज हुए हैं।
आज तक ने इंडिया टुडे की रिपोर्ट के हवाले से पुल गिरने के कई कारण बताए है। जिनमें पुल डिजाइन से लेकर पुल बनाने में इस्तेमाल हुआ खराब सामान, लापरवाही, उम्रदराज पुल आदि शामिल है। यहीं नहीं निजी न्यूज चैनल ने पुल गरने की अहम वजह प्राकृतिक आपदा बताई है।
रिपोर्ट्स में 80.30 फीसदी पुल गिरने की वजह प्राकृतिक आपदा बताई गई है। जबकि 10.10 फीसदी घटनाएं खराब मैटेरियल, 3.28 फीसदी ब्रिज ओवरलोडिंग और 2.19 फीसदी ह्यूमन मेड डिजास्टर्स की वजह से होती है। साथ ही बालू खनन भी पुल गिरने के कारणों में से एक है।
भारतीय पुल प्रबंधन प्रणाली (आईबीएमएस) की रिपोर्ट के अनुसार नेशनल हाइवे पर 1,72,517 बड़े और छोटे पुल और पुलिया हैं। इनमें से 1,34,229 पुलिया, 32,806 छोटे पुल, 3,647 बड़े पुल और 1,835 अतिरिक्त लंबे पुल हैं। साथ ही इनमें करीब 30 फीसदी पुलिया, 12-15 फीसदी छोटे पुल, 8-10 फीसदी बड़े पुल और 5 फीसदी अतिरिक्त लंबे पुल खराब स्थिति में हैं।