मणिपुर हिंसा: सुरक्षाबलों के हाथ लगी बड़ी कामयाबी, सीआरपीएफ कैंप पर हमला करने वाले 11 कुकी उग्रवादियों को किया ढेर
- मणिपुर में सुरक्षाबलों का बड़ा एक्शन
- कुकी उग्रवादियों और सीआरपीएफ के बीच हुई मुठभेड़
- 11 उग्रवादियों की हुई मौत
डिजिटल डेस्क, इंफाल। हिंसाग्रस्त राज्य मणिपुर में सुरक्षाबलों का बड़ा एक्शन देखने को मिला। जहां उन्होंने कुकी विद्रोहियों को मुठभेड़ में मार गिराया। जानकारी के मुताबिक उग्रवादी राज्य के जिरीबाम जिले के बोरोबेकरा में स्थित सीआरपीएफ कैंप पर हमला करने आए थे। इस दौरान उनकी मुठभेड़ सुरक्षाबलों से हो गई, जिसमें 11 उग्रवादी मारे गए। समाचार एजेंसी एनएनआई ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि मुठभेड़ के दौरान एक सीआरपीएफ जवान भी घायल हो गया। जिसे इलाज के लिए हेलीकॉप्टर से अस्पताल भेजा गया।
भारी मात्रा में हथियार बरामद
मारे गए कुकी उग्रवादियों के पास से 4 एसएलआर, 3 AK-47, एक आरपीजी सहित अन्य आधुनिक हथियार और गोला बारूद बरामद किया है। कुकी हमार समुदाय के सशस्त्र उग्रवादियों ने कुछ घरों में आग लगा दी। साथ ही बोरोबेकरा के एक पुलिस स्टेशन पर फायरिंग की, जिसके जवाब में सीआरपीएफ ने भी जवाबी कार्रवाई की। जिसमें 11 उग्रवादी मारे गए।
बता दें कि मणिपुर में जातीय हिंसा की शुरूआत पिछले साल मई महीने में तब से हुई थी, जब मणिपुर हाईकोर्ट के एक आदेश के खिलाफ कुकी समुदाय ने प्रदर्शन किया था। दरअसल, मैतेई समुदाय ने मणिपुर हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल की थी जिसमें कहा गया था कि मैतेई समुदाय को जनजाति का दर्जा दिया जाए। वहीं, कुछ समुदाय इसके विरोध में है। उनका मानना है कि राज्य की 60 में से 40 विधानसभा सीटें पहले से ही मैतेई बहुल इंफाल क्षेत्र में हैं। अगर मैतेई को जनजाति का दर्जा मिला तो आरक्षण में कुकी समुदाय की हिस्सेदारी कम हो जाएगी। बता दें कि कुकी समुदाय के लोग ईसाई धर्म को मानते हैं जबकि मैतेई हिंदू धर्म को।
इस हिंसा में अब दो सौ से ज्यादा लोग अपनी जान गंवा चुके हैं, जबकि हजारों बेघर हो गए हैं। इस हिंसा को लेकर राज्य में 11 हजार एफआईआर दर्ज हुई हैं और 500 से ज्यादा लोग गिरफ्तार हुए हैं।