हेल्थ टिप: आपका पसंदीदा स्ट्रीट फूड बन सकता है हेल्थ के लिए खतरा, शरीर की भलाई चाहते हैं तो आज से खाना छोड़ें
- मानसून के मौसम में मोमोज खाना हो सकता है खतरनाक
- मोमोज का कच्चा मैदा कर सकता है आपकी सेहत खराब
- मोमोज खाने से बढ़ता है कैंसर का खतरा
डिजिटल डेस्क, भोपाल।
अगर आप फूड लवर हैं तो मोमोज के लिए आपके दिल में सॉफ्ट कॉर्नर जरूर होगा। मोमोज बहुतों की पसंद है। लेकिन आपकी यह पसंद सेहत के लिए बेहद खतरनाक है। मोमोज का कच्चा मैदा और कच्ची सब्जियां जल्दी डाइजेस्ट नहीं होती। मोमोज के मैदे में एजोडिकार्बोनामाइड, क्लोरीन गैस, बेंजोयल पेरोक्साइड जैसे कई नुकसानदायक केमिकल्स मिलाए जाते हैं जिससे इंसुलिन प्रोडक्शन कम हो जाता है। बस इतना ही नहीं बल्कि मानसून के मौसम में खाना जल्दी खराब होता है। इसलिए इस मौसम में बाहर का खाना खाने से बचना चाहिए। चलिए जानते हैं मोमोज खाने से हम किन-किन बीमारियों का शिकार हो सकते हैं।
मोमोज है खतरनाक
मोमोज मैदे से बनने वाली डिश है। मोमोज में सबसे पहले फिलिंग होती है फिर उसे स्टीम किया जाता है। लेकिन मोमोज का मैदा अच्छे से पकता नहीं है। कच्चा मैदा शरीर को काफी नुकसान पहुंचाता है। यह हमारे शरीर में जाकर आंतों में चिपक जाता है जिससे बीमारियां होती हैं। डायटीशियन इस डिश को खतरनाक मानते हैं। उनका कहना है मैदे में फाईबर न होने की वजह से यह इंटस्टाइन में फंस जाता है और जल्दी डाइजेस्ट नहीं होता। मोमोज की फिलिंग में यूज होने वाली सब्जियां भी कच्ची रह जाती हैं जिससे बॉडी मेंमाइक्रो ऑर्गेनिज्म पैदा होने लगते हैं। वहीं मोमोज की चटनी तैयार करने में कई तरह के मसाले और कलर का इस्तेमाल होता है। अगर आप तले हुए मोमोज खाते हैं तो उसमें भारी मात्रा में तेल होता है जिससे फैट बढ़ता है।
मोमोज खाने से हो सकती हैं यह बीमारियां
गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल इंफेक्शन
मोमोज का कच्चा मैदा और कच्ची सब्जियां पेट में जाकर कई बीमारियों के लिए दावत है। आंतों में चिपका मैदा जल्दी न पचने से पेट दर्द, कांसटीपेशन, ब्लोटिंग और इनडाइजेशन जैसी परेशानियां होती हैं। मोमोज में डलने वाली सब्जियां कई दिनों तक रखी रहती हैं जिसमें बैक्टीरिया पनपने लगता है।
तेजी से बढ़ता है वजन
मोमोज खाने से शरीर में फैट बढ़ता है। इस डिश में मोनोसोडियम ग्लूटामेट और ज्यादा मात्रा में कैलोरी होती है जिससे मोटापे का सामना करना पड़ता है। तले मोमोज के तेल से बीमारियां होती हैं क्योंकि इसमें चीप क्वालिटी का ऑयल यूज किया जाता है।
कैंसर का खतरा
मोमोज में इस्तेमाल होने वाला अजीनोमोटो, प्रिजर्वेटिवस, मसाले और सब्जियां आंतों में जाकर चिपक जाती है जिससे कैंसर का खतरा होता है। इतना ही नहीं बल्कि चटनी में डले आर्टीफीशियल कलर से भी कैंसर होता है।
कोलेस्ट्रॉल का जोखिम
शरीर में दो तरह के कोलेस्ट्रॉल होते हैं। एक गुड और दूसरा बैड। फ्राइड मोमोज खाने से बॉडी में बैड कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है। बैड कोलेस्ट्रॉल से हार्ट अटैक का जोखिम होता है।
फूड पॉइजनिंग
रोड साइड पर मिलने वाले मोमोज बिलकुल भी सफाई से नहीं बनाए जाते। मोमोज बनाने के लिए कई दिन पुरानी सब्जियों का बिना धोए इस्तेमाल किया जाता है। बासी सब्जियों में कई तरह के बैक्टेरिया पैदा हो जाते हैं जिससे फूड पॉइजनिंग होती है। फ्राइड मोमोज बनाने के लिए ऑयल को बिना बदले उसी तेल में बार-बार बनाते हैं। खराब तेल से फैट बढ़ने के साथ फूड पॉइजनिंग का खतरा बढ़ जाता है।