Legal Services Day 2024: क्या है "कानूनी सेवा दिवस"? जानें कब और कैसे हुई इस दिन को मनाने की शुरूआत

  • 9 नवंबर को मनाया जाता है कानूनी सेवा दिवस
  • सभी को सामान्य न्याद दिलाना है उद्देश
  • 1995 में हुई थी शुरुआत

Bhaskar Hindi
Update: 2024-11-08 10:33 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हर साल भारत में 9 नवंबर को "कानूनी सेवा दिवस" (Legal Services Day) मनाया जाता है। इसका उद्देश्य समाज के सभी वर्गों को न्याय और कानूनी अधिकारों के प्रति जागरूक करना है। इसे शुरू करने की पहल "राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण" (NALSA-National Legal Services Authority) ने की थी, जो देश में कानूनी सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए उत्तरदायी है। आज भी भारतीय समाज में कई ऐसे वर्ग हैं, जिनके लिए कानूनी प्रक्रिया को समझना और न्याय तक पहुंचना कठिन है। गरीब, वंचित और अशिक्षित नागरिकों के लिए न्याय व्यवस्था का बोझल और खर्चीला होना एक बड़ी चुनौती है। ऐसे में "कानूनी सेवा दिवस" एक महत्वपूर्ण पहल है, जिसका उद्देश्य समाज के हर व्यक्ति को समान न्याय दिलाना है। ये दिन भारत के नागरिकों को इस बात का एहसास दिलाता है कि आपकी पहचान या संस्कृति चाहें कुछ भी हो, हम सभी को मुफ्त कानूनी सहायता प्राप्त करने का पूरा अधिकार है। तो ऐसे में चलिए, "कानूनी सेवा दिवस" के अवसर पर हम इससे जुड़ी कुछ जरूरी बातों के बारे में जानते हैं।

"कानूनी सेवा दिवस" का इतिहास

"कानूनी सेवा दिवस" (Legal Services Day) की शुरुआत भारत में 1995 में की गई थी। इसका उद्देश्य देश के हर नागरिक को न्यायिक प्रणाली (Judicial System) की समान और सस्ती सेवाएं देना है विशेषकर गरीब और पिछड़े वर्गों को। इस दिन का आयोजन "राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण" (NALSA) और अन्य न्यायिक संस्थाओं द्वारा किया जाता है, जो निशुल्क कानूनी सेवाएं उपलब्ध कराते हैं। इस सेवा के तहत लीगल कैंप, वर्कशॉप्स और लोक अदालतें लगाई जाती हैं। यहां पर हर छोटे-बड़े विवादों का निपटारा आसान और सहज तरीके से किया जाता है। इसके माध्यम से आम जनता को उनके कानूनी अधिकारों, कर्तव्यों और सहायता के विकल्पों के बारे में जानकारी दी जाती है। "कानूनी सेवा दिवस" भारत के हर नागरिक को न्याय और समानता का अधिकार दिलाने की दिशा में एक मजबूत कदम है, जिससे देश में एक न्यायपूर्ण और सशक्त समाज का निर्माण हो सके।

"राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण" क्या है?

"राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण" (NALSA-National Legal Services Authority) एक स्वायत्त संगठन (Autonomous Organisation) है, जो समाज के गरीब और कमजोर वर्गों को कानूनी सहायता प्रदान करने के लिए जिम्मेदार है। इसका गठन 1987 में "विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम" (Legal Services Authority Act) के तहत हुआ था, लेकिन पूर्ण रूप से ये 1995 में काम करना शुरू हुआ। आपको बता दें कि, भारत के चीफ जस्टिस NALSA के चीफ प्रोटेकटर होते हैं और भारत के सर्वोच्च न्यायालय के द्वितीय वरिष्ठ न्यायाधीश प्राधिकरण (Senior Judge Authority) के एग्जीक्यूटिव चेयरमैन होते हैं।

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, संविधान का अनुच्छेद 39A गरीबों और समाज के कमजोर वर्गों को लीगल एड प्राप्त करने का एक अवसर देता है। वहीं, अनुच्छेद 14 और अनुच्छेद 22(1) विधि के समक्ष समानता सुनिश्चित करने के लिए राज्य को विवश करता है। NALSA ने इस दिन को ये सुनिश्चित करने के लिए शुरू किया कि, भारत के कमजोर वर्गों जैसे- आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं, बच्चों, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोगों को उनके कानूनी अधिकारों के प्रति जागरूक किया जा सके और उन्हें न्याय पाने के लिए आवश्यक कानूनी मदद दी जा सके। तो ऐसे में, "कानूनी सेवा दिवस" का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है क्योंकि, ये समाज के हर नागरिक को न्याय प्राप्त करने का अधिकार दिलाने में मददगार है।

"कानूनी सेवा दिवस" का महत्व क्या है?

कानूनी जागरूकता बढ़ाना

इस दिन आम जनता को उनके कानूनी अधिकारों और कर्तव्यों के बारे में जागरूक किया जाता है, ताकि वे अपने अधिकारों की रक्षा कर सकें और किसी अन्याय का शिकार न हों सकें।

निशुल्क कानूनी सहायता प्रदान करना

इस दिन आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को न्याय तक पहुंच दिलाने के लिए मुफ्त कानूनी सेवाएं दी जाती हैं। जिसमें वकीलों का सहयोग और कानूनी सलाह शामिल होती है।

लोक अदालतों का आयोजन

कानूनी सेवा दिवस पर लोक अदालतों का आयोजन किया जाता है, ताकि छोटे-मोटे मामलों का उपयुक्त और सस्ता निपटारा हो सके, जिससे न्यायिक प्रक्रियाओं में देरी कम हो।

महिलाओं और बच्चों के अधिकारों की सुरक्षा

इस दिन विशेष रूप से महिलाओं और बच्चों के कानूनी अधिकारों पर जोर दिया जाता है। जिससे वे किसी भी प्रकार के शोषण से सुरक्षित रहें।

समाज में न्यायपूर्ण वातावरण बनाना

कानूनी सेवा दिवस का उद्देश्य समाज में न्याय और समानता का वातावरण बनाना है। जिससे हर व्यक्ति अपनी समस्याओं का समाधान पाने में सक्षम हो सके और समाज में एक सकारात्मक बदलाव आ सके।

तो कुल मिलाकर, "कानूनी सेवा दिवस" न्याय की उपलब्धता को सुनिश्चित करने और समाज में न्यायपूर्ण व्यवस्था बनाने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है। ये हर नागरिक को उसके अधिकारों से अवगत कराता है और एक सशक्त और सुरक्षित समाज की ओर कदम बढ़ाता है।

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