गणेश चतुर्थी 2024: बप्पा के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है महाराष्ट्र का सिद्धिविनायक मंदिर, अगर पूरी करना चाहते हैं मनोकामना, तो जरूर करें इनके दर्शन

  • गणेश जी के मंदिरों में सबसे ज्यादा प्रसिद्ध है सिद्धिविनायक मंदिर
  • लाखों लोग देश-विदेश से आते हैं दर्शन करने
  • बप्पा के आर्शीवाद से महिलाओं को होती है संतान की प्राप्ति

Bhaskar Hindi
Update: 2024-09-11 09:20 GMT

डिजिटल डेस्क, भोपाल। इस समय देशभर में प्रथम पूज्य विघ्नहर्ता भगवान गणेश का उत्सव बड़े ही धूमधाम से मनाया जा रहा है। इस पावन अवसर पर लोग बप्पा की मूर्ती को अपने घरों में लाते हैं और उनकी पूजा-अर्चना करते हैं। इनकी पूजा-उपासना करने से भक्तों के सभी कष्ट दूर होते हैं। वैसे तो देशभर में गणेश जी के कई सारे मंदिर हैं लेकिन कुछ मंदिर ऐसे भी हैं जिन्हें दुर्लभ माना गया है। ये मंदिर भक्तों के लिए खास महत्व रखते हैं और लाखों श्रद्धालु इन मंदिरों पर दर्शन के लिए पहुंचते हैं। वहीं सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है मुंबई के प्रभादेवी में स्थित श्री सिद्धिविनायक मंदिर। यहां गणपति बप्पा के दर्शन के लिए भारी संख्या में देश-विदेश से श्रद्धालु और सैलानी आते हैं। इस मंदिर से जुड़ी कई दिलचस्प बातें भी हैं जिसके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं। तो चलिए आज हम आपको इस मंदिर के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बातें बताते हैं।

मंदिर का निर्माण

मुंबई के प्रभादेवी में स्थित श्री सिद्धिविनायक मंदिर में गणेश जी का सबसे लोकप्रिय रूप है। कहा जाता है कि गणेश जी की जिन प्रतिमाओं की सूंड दाईं तरफ मुड़ी होती है, वे सिद्धिपीठ से जुड़ी होती हैं इसलिए उन्हें सिद्धिविनायक मंदिर की संज्ञा दी जाती है। मंदिर का निर्माण साल 1801 में लक्ष्मण विथु पाटिल नाम के एक स्थानीय ठेकेदार ने किया था। बहुत कम लोग इस बात को जानते हैं कि इस मंदिर को बनवाने में लगने वाली धनराशि एक कृषि महिला ने दी थी। ऐसा कहा जाता है कि उस महिला की कोई संतान नहीं थी इसलिए उस महिला ने बप्पा के मंदिर के निर्माण के लिए मदद करने की इच्छा जताई थी। वह ये चाहती थी कि जो महिला इस मंदिर में आकर भगवान गणेश से आर्शीवाद लें उन सभी महिलाओं को संतान की प्राप्ति हो।

मंदिर के गणेश जी का स्वरूप

सिद्धिविनायक की दूसरी खास बात यह है कि यह चतुर्भुजी विग्रह है। यहां गणेश जी की मूर्ति काले पत्थर से बनाई गई है और ये 2.5 फीट ऊंची है जिसकी सूंड दाईं तरफ मुड़ी हुई है। उनके ऊपर के दाएं हाथ में कमल और बाएं हाथ में अंकुश है। उनके नीचे के दाहिने हाथ में मोतियों की माला और बाएं हाथ में मोदक से भरा कटोरा है। उनके मस्तक पर अपने पिता शिव के समान एक तीसरा नेत्र और गले में एक सर्प हार के स्थान पर लिपटा हुआ है। भगवान गणेश यहां अपनी दोनों पत्नियां रिध्दि और सिध्दि के साथ विराजमान हैं जो देखने में काफी आकर्षक लगती हैं।

क्यों हैं सिध्दिविनायक फेमस?

सिद्धिविनायक मंदिर भारत के प्रसिद्ध गणेश मंदिरों में से एक है जिनके दर्शन के लिए भक्त दूर-दूर से यहां आते हैं। माना जाता है कि सिद्धिविनायक मंदिर में सच्चे मन से मांगी गई भक्तों की मुरादें जरुर पूरी होती हैं। इस मंदिर की एक और विशेषता यह भी है कि इस मंदिर के दरवाजे हर धर्म के लोगों के लिए खुले हैं और यहां किसी तरह की कोई मनाही नहीं है। इस मंदिर के दर्शन शुभ फलदायी माने गए हैं इसलिए यहां पर हर बड़े सेलिब्रिटीज भी अपनी-अपनी सफलता की कामना के लिए आते हैं।

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