कचरे से पेंटिंग बनाकर दर्ज किया रिकॉर्ड, अब अपनी कला के दम पर भरती हैं स्ट्रीट डॉग्स का पेट
वुमन्स् डे स्पेशल कचरे से पेंटिंग बनाकर दर्ज किया रिकॉर्ड, अब अपनी कला के दम पर भरती हैं स्ट्रीट डॉग्स का पेट
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्लास्टिक के यूज से होने वाले नुकसान व सिंगल यूज प्लास्टिक का यूज नहीं करने को लेकर जोधपुर की बेटी डॉ. शिवानी मण्डा ने अलग ही तरीके से लोगो को जागरूक करने का प्रयास किया, आमतौर पर जिन प्लास्टिक के सामान को हम कूड़ा समझकर फेंक देते हैं, उन्हीं सामान से डॉ. शिवानी ने 101 आकर्षक पेंटिग बनाई।
उनकी इस पहल के लिए उन्हें इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड 2020 के लिए नामित भी किया जा चुका हैं। इस पेंटिग में शिवानी ने मिल्क पाउच, प्लास्टिक बॉटल के ढक्कन, डिस्पोजल स्पून, कैंडी रैपर, कंडीशनर पाउच, क्रीम ट्यूब्स, स्ट्रॉ, आदि का इस्तेमाल करके एक से बढ़कर एक आकर्षक पेंटिग्स बनाई हैं, जिसमें राजस्थान की संस्कृति से लेकर वर्तमान समय में सामाजिक बुराईयों को मिटाने व इसको जागरूक करने का संदेश दिया हैं।
अपनी कला को आगे बढ़ाते हुए और लोगो में अपनी कला के माध्यम से जागरूकता फैलाने के लिए डॉ. शिवानी ने इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड 2021 में एक बार फिर अपना नाम दर्ज कराया। जिसमें उन्होंने टाईपोग्राफी के माध्यम से राम नाम के शब्दों से 75 घंटो में 61 हजार राम नाम लिखकर हनुमान जी की तस्वीर बनाई।
दो बार इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड में अपना नाम दर्ज करा चुकी शिवानी मण्डा ने बताया कि, उन्हें एनिमल्स से बेहद लगाव हैं। पिछले कई वर्षो से वे अपनी मां के साथ मिलकर स्ट्रीट डॉग्स की सेवा करती आ रहीं हैं। शिवानी सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी पेटिंग्स को शेयर करती हैं, उनकी पेटिंग्स को लोग काफी पसंद करते हैं और काफी लोग उन्हें पेटिंग्स बनाने के लिए ऑफर भी करते हैं।
इन पेटिंग्स के माध्यम से उन्हें जो भी फंडिग आती हैं, उन पैंसो को शिवानी स्ट्रीट एनिमल्स की देखरेख में खर्च करती हैं। सिगंल यूज प्लास्टिक पूरे विश्व के लिए बड़ी समस्या बन चुका हैं और इसको रोकने के लिए हम सबको जागरूक होने की जरूरत हैं।
महिला दिवस के अवसर पर दैनिक भास्कर के साथ हुई खास बातचीत कै दौरान डॉ. शिवानी का कहना हैं कि शिव को हम सभी जानते हैं, शिव में जो "ि" की मात्रा हैं, वो शक्ति को बताती हैं, "बिना शक्ति शिव एक शव हैं", उसी तरह हमारे परिवार और समाज के लिए वो शक्ति नारी हैं। उसके बिना परिवार चल तो सकता हैं, पर उन्नति नहीं कर सकता। वुमन्स् डे सिर्फ एक दिन मनाने का नही हैं, हमें नारी शक्ति का हर दिन सही सम्मान करना चाहिए।