पार्लर में बाल धुलवाते समय कहीं आप भी तो नहीं करती यही गलतियां, जानिए पार्लर में हेयर ट्रीटमेंट लेते समय क्यों आ सकता है जानलेवा ब्यूटी पार्लर स्ट्रोक, इस उम्र की महिलाओं को है ज्यादा खतरा

ब्यूटी पार्लर स्ट्रोक पार्लर में बाल धुलवाते समय कहीं आप भी तो नहीं करती यही गलतियां, जानिए पार्लर में हेयर ट्रीटमेंट लेते समय क्यों आ सकता है जानलेवा ब्यूटी पार्लर स्ट्रोक, इस उम्र की महिलाओं को है ज्यादा खतरा

Bhaskar Hindi
Update: 2022-11-03 07:07 GMT
पार्लर में बाल धुलवाते समय कहीं आप भी तो नहीं करती यही गलतियां, जानिए पार्लर में हेयर ट्रीटमेंट लेते समय क्यों आ सकता है जानलेवा ब्यूटी पार्लर स्ट्रोक, इस उम्र की महिलाओं को है ज्यादा खतरा

डिजिटल डेस्क नई दिल्ली।  ब्यूटी पार्लर जाना स्किन का ट्रीटमेंट कराना, बालों का ट्रीटमेंट करना महिलाओं के रूटीन में शामिल होता है। ब्‍यूटी पार्लर में जाकर शैंपू और कंडीशनर से हेयरवॉश कराना सबको अच्‍छा और आरामदायक लगता है। लेकिन हाल ही में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। जहां हैदराबाद में एक महिलो को सैलून में हेयर वॉस करवाते समय स्ट्रोक आया है। जिसके बाद उसे तुरंत अपोलो हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। जिसके बाद डॉक्टर ने इसे ब्यूटी पार्लर स्ट्रोक सिंड्रोम बताया। दरअसल बाल वॉश कराते समय महिला को चक्कर आना, मतली होना और उल्टी जैसे लक्षण महसूस हुए थे। महिला के लक्षणों को ध्यान में रखते हुए उसका पहले गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट से इलाज कराया गया, लक्षणों में सुधार नहीं होने पर महिला को न्यूरोलॉजिस्ट को दिखाया गया। न्यूरोलॉजिस्ट ने इलाज करने के लिए एमआरआई कराया जिसमें महिला के ‘ब्यूटी पार्लर स्ट्रोक सिंड्रोम से पीड़ित होने का पता लगा। अब आपके मन में भी सवाल उठ रहा होगा कि क्या वाकई सैलून में हेड वॉश कराना इतना खतरनाक हो सकता है कि व्यक्ति को स्ट्रोक हो जाए या फिर ब्यूटी पार्लर स्ट्रोक सिंड्रोम क्या है? इसके लक्षण क्या है? इससे कैसे बचा जा सकता है? 

ब्यूटी पार्लर स्ट्रोक सिंड्रोम’ क्या है?

सैलून में सिर धोने के दौरान गर्दन का हाइपरेक्‍स्‍टेंशन वास्‍तव में कई बार स्‍ट्रोक का कारण बन सकता है। इसे ब्‍यूटी पार्लर स्‍ट्रोक सिंड्रोम कहा जाता है। गर्दन को पार्लर के कठोर बेसिन में अधिक देर तक रखने के कारण ये समस्‍या उत्‍पन्‍न हो सकती है। ये सिंड्रोम 50 से अधिक उम्र की महिलाओं में अधिक देखने को मिल सकता है। हैदराबाद स्थित न्यूरोलॉजिस्ट डॉ सुधीर कुमार ने बताया कि 10-20 प्रतिशत लोगों में एक तरफ की धमनी पतली हो सकती है जिससे स्ट्रोक का खतरा हो सकता है।

"ब्यूटी पार्लर स्ट्रोक सिंड्रोम" तब होता है, जब जब किसी को काफी देर तक गर्दन पीछे की ओर ऊपर करके और पैर सीधे करके बैठाया जाता है। आमतौर पर पार्लर में बाल धुलाने के लिए बनी कुर्सी पर जैसे लोग बैठते हैं, वह स्थिति हानिकारक होती है। जो की स्ट्रोक का कारण बनती है। 

हेडवॉश के दौरान कैसे आ सकता है स्‍ट्रोक?

  • सैलून में हेयर वॉश के दौरान रेक्लाइनिंग पोजिशन में बिठाकर गर्दन पीछे की जाती है। कई बार गर्दन को एक ही तरफ काफी समय के लिए रखना पड़ता है।
  • हेयर वॉश के बाद बाल सुखाने के लिए भी गर्दन को पीछे की तरफ झुकाए रखना होता है।  इस पूरी प्रक्रिया में 40-45 मिनट का समय लगता है।
  • इतने लंबे समय तक इस पोजिशन में रहने के कारण वर्टेब्रल आर्टिरी (कशेरुका धमनी) सिकुड़ जाती है।
  • गर्दन का हाइपरेक्‍स्‍टेंशन मस्तिष्‍क में ऑक्‍सीजन के संचार को कम कर देता है। ऐसे में वॉश-बेसिन की ओर गर्दन मोड़ने से सिंड्रोम हो सकता है।
  • इससे आंखों के पास ब्‍लड वेसल्‍स में आंसू आ सकते हैं,

जिससे ब्‍लड क्‍लॉट हो सकता है, जो आपके मस्तिष्‍क तक जा सकता है और स्‍ट्रोक का कारण बन सकता है। महिला की साथ भी ऐसा ही हुआ है। गर्दन पीछे झुकाए रखने के कारण उसके सेरिबैलम में 

लक्षणों को न करें नजरअंदाज

  • हेडवॉश के दौरान महिला को चक्‍कर आना,
  • मितली और उल्‍टी के लक्षण महसूस हो सकते हैं।
  • ब्‍यूटी पार्लर स्‍ट्रोक सिंड्रोम के शुरुआती लक्षण वास्‍तविक स्‍ट्रोक से अलग हो सकते हैं।
  • शुरुआत में हाथों में अस्थिरता, माइग्रेन पेन, सिरदर्द, धुंधला दिखाई देना
  • और गर्दन में सूजन आ सकती है। 

ब्यूटी पार्लर स्ट्रोक सिंड्रोम का इलाज:
 स्ट्रोक वाले लोगों के लिए ब्लड थिनर लेने की सलाह दी जाती है जो खून के थक्के बनना की रोकथाम और इलाज करने में मदद करती है। कुछ लोग स्ट्रोक के बाद अच्छी तरह से ठीक हो जाते हैं लेकिन कुछ लोग ऐसे होते हैं जिन्हें जीवन भर दवा पर रहने की आवश्यकता होती है।

सैलून में ऐसे करें बचाव

  •  बाल वॉश कराते समय या ट्रीटमेंट कराते समय सिर को जोर से न मोड़ें।
  • इसके अलावा 10-15 मिनट से अधिक सिर को झुकाए न रखें।
  • सैलून में हेडवॉश करते वक्‍त गर्दन के नीचे कोई पैड या तौलिया लगाई जा सकती है जिससे गर्दन को सपोर्ट मिल सके।
  • अगर बाल धोते समय आपको चक्कर आते हैं, तो तुरंत लेट जाएं।
  • ऐसी स्थिति में बिना देर किए डॉक्टर को दिखाएं। 

अमेरिका में आया था सबसे पहला मामला
ब्यूटी पार्लर स्ट्रोक सिंड्रोम का सबसे पहले अमेरिका में आया था। साल 1993 में पार्लर पर गई एक महिला को इसकी शिकायत हुई थी। इसके बाद से इस तरह की स्थिति होने पर ब्यूटी पार्लर सिंड्रोम नाम दिया जाने लगा। 

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