ट्रैवल : हंपी की टॉप 5 जगहें जहां आप घूम सकते हैं, जानिए यहां कैसे पहुंचे और कहा रुके?
ट्रैवल : हंपी की टॉप 5 जगहें जहां आप घूम सकते हैं, जानिए यहां कैसे पहुंचे और कहा रुके?
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अगर आपकी रूचि इतिहास को जानने में है और आप ऐसी ही किसी जगह घूमने का प्लान बना रहे हैं तो हंपी आपके लिए अच्छा विकल्प हो सकता है। कर्नाटक में स्थित हम्पी एक प्राचीन शहर है और इसका जिक्र रामायण में भी किया गया है। यह विजयनगर साम्राज्य की राजधानी थी। इसे किष्किन्धा के नाम से बुलाया जाता था। हम्पी शहर बेंगलुरु से केवल 350 किलोमीटर दूर है। यह यूनेस्को का विश्व विरासत स्थल भी है। यहां सैलानियों के देखने लायक 500 से भी अधिक स्थान हैं। आइए हम आपको बताते हैं यहां की उन खास जगहों के बारे में जिन्हें देखना आप वाकई पसंद करेंगे।
कैसे पहुंचे और कहा रुके?
कर्नाटक का हुबली एयरपोर्ट हम्पी का सबसे नजदीकी एयरपोर्ट है जो यहां से 166 किलोमीटर दूर है। वहीं हम्पी का सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन हॉस्पेट जंक्शन है जो हम्पी से महज 13 किलोमीटर दूर है। अगर आप सड़क मार्ग से यहां पहुंचना चाहते हैं तो कर्नाटक के सभी प्रमुख शहरों से हम्पी बस सर्विस के जरिए जुड़ा हुआ है। कर्नाटक स्टेट रोड ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन की बसों के अलावा कई प्राइवेट और टूरिस्ट बसें भी नजदीकी शहरों से हम्पी के लिए चलती हैं। यहां पर कई सारे चीप और लग्जरी गेस्ट हाउस है जहां आप ठहर सकते हैं।
बड़व लिंग
9 फुट ऊंचे इस मंदिर का अनोखा तथ्य यह है कि इस संरचना के आसपास एक प्राचीन नहर का पानी हमेशा बहता रहता है। इस अखंड़ शिव लिंग पर तीन आंखें उत्कीर्ण हैं। स्थानीय मान्यताओं के अनुसार, हम्पी नामक एक गरीब आदिवासी ने अपनी इच्छा पूर्ण होने पर बड़े से पत्थर को काटकर बड़व लिंग बनाया था। एक अन्य कथा के अनुसार, इस लिंग को एक देहाती महिला ने स्थापित किया था। स्थानीय भाषा में बड़व का अर्थ है गरीब।
आनेगुंड़ी गांव
हम्पी से लगभग 10 किलोमीटर दूर तुंगभद्रा नदी के उत्तरी किनारे पर स्थित है। बांस से बनी नाव से इस स्थान तक पहुंच सकते हैं। इसे भगवान हनुमान का जन्मस्थान माना जाता है। गगन महल, पंपा सरोवर लक्ष्मी मंदिर (झील), श्रीकृष्णदेवराय समाधि, आनेगुंड़ी किले का प्रवेश द्वार और सात सरों वाला सर्प आनेगुंड़ी के कुछ प्रमुख आकर्षण हैं। यह विजयनगर साम्राज्य की क्षेत्रीय राजधानी हुआ करती थी
भगवान शिव का भूमिगत मंदिर
इस मंदिर को हम्पी के सबसे पुराने मंदिरों में से एक के रूप में माना गया है और यह पर्यटकों में खासा लोकप्रिय है। यह मंदिर हम्पी बस स्टैंड़ के काफी करीब है। सैलानी परिसर के सामने स्थित मुख्य बुर्ज के माध्यम से इस मंदिर तक पहुंच सकते हैं। समय और जल स्तर के अनुसार, यात्रियों को इस पवित्र स्थान के दर्शन करने का मौका मिलता है।
वीरुपाक्ष मंदिर
वीरुपाक्ष मंदिर विक्रमादित्य द्वितीय की रानी लोकमाहदेवी ने बनवाया था। यह हम्पी के सैकड़ों मंदिरों में से एकमात्र ऐसा मंदिर है जिसे आज भी पूजा स्थल के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। इस मंदिर के अंदर आपको बंदर, गाय और यहां तक की हाथी भी दिखाई देंगे। हालांकि, विरुपाक्ष मंदिर का मुख्य आकर्षण पश्चिम में स्थित पहाड़ी है। यहां से आप न केवल विरुपाक्ष के मनोरम दृश्य को देख सकते हैं, बल्कि पहाड़ी पर बने कई मंदिरों को भी आप एक्सप्लोर कर सकते हैं।
कमल महल
कमल महल उन लोकप्रिय इमारतों में से एक है जिसने इस क्षेत्र पर हुए कब्जों के बाद भी अपनी चमक नहीं खोई। कमल महल को यहां की ज्यादातर इमारतों की तरह ईंट और चूने से बनाया गया है। इस महल का नाम कमल इसलिए रखा गया क्योंकि इसकी मेहराबदार राह कमल के फूल की पंखुड़ियों की तरह बनी है। कमल महल 'हज़ारा राम मन्दिर' के पास स्थित है।