वे पहली भारतीय महिलाएं जिन्होंने अलग-अलग क्षेत्र में अपना नाम दर्ज कर रचा इतिहास
महिला दिवस 2023 वे पहली भारतीय महिलाएं जिन्होंने अलग-अलग क्षेत्र में अपना नाम दर्ज कर रचा इतिहास
डिजिटल डेस्क नई दिल्ली। आज महिलाएं किसी से कम नहीं हैं वे हर क्षेत्र में आगे बढ़ चढ़कर काम कर रही हैं। उन्होंने हर फील्ड में अपने हुनर और आत्मविश्वास के दम पर नाम रोशन किया है। 8 मार्च को पूरे विश्व में महिला दिवस मनाया जाएगा। ऐसे में महिला दिवस के मौके पर आज हम बात करेंगे हमारी देश की उन पहली प्रतिष्ठित महिलाओं की जिन्होंने अपने कारनामे से सभी को अचंभित किया और इतिहास के पन्नों पर अपना नाम दर्ज किया। जिन ने एक से बढ़कर एक बड़े काम किए हैं, जो उनसे पहले कोई भी महिला नहीं कर सकी थी। जिन्होंने हर महिला को ये बताया कि आप किसी से कम नहीं हैं आप सब कुछ कर सकती हैं।
इन्दिरा गांधी
इन्दिरा गांधी भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री थी। 1966 में वह भारत देश की प्रधानमंत्री बनी, इन्दिरा गांधी 1966 से 1977 तक लगातार 3 बार प्रधानमंत्री रहीं और उसके बाद 1980 से लेकर 1984 तक चौथी बार प्रधानमंत्री रही। वह केवल देश में ही नहीं बल्कि विश्व राजनीति में भी काफी प्रभावशाली रहीं। उन्होंने अपने कार्यकाल में कई दमदार फैसले लिए जिसने पूरे विश्व को हिला कर रख दिया था। अपने सख्त फैसलों के कारण उन्हें 'आयरन लेडी' के नाम से भी संबोधित किया जाता है। 1984 में उनके ही गार्ड के द्वारा उनकी हत्या कर दी गई।
प्रतिभा पाटिल
प्रतिभा पाटिल ने 27 साल की उम्र में 1962 में अपने राजनीतिक जीवन की शुरूआत की। 1962 से 1997 तक वो 5 बार महाराष्ट्र विधानसभा की सदस्य रहीं। इस दौरान 1967 से 1972 तक वह महाराष्ट्र सरकार में राज्यमंत्री और 1972 से 1978 तक कैबिनेट मंत्री रहीं । प्रतिभा पाटिल को भारत की पहली महिला राष्ट्रपति बनने का सौभाग्य मिला, साल 2007 से लेकर 2012 तक उनका कार्यकाल चला।
फातिमा बीवी
फातिमा बीवी भारत की पहली महिला जज बनी। फातिमा बीवी का जन्म 30 अप्रैल 1927 को हुआ। वे 14 नवम्बर 1950 को वो एडवॉकेट के रूप में रजिस्टर्ड हुई, 1958 में केरल सबऑर्डीनेट न्यायिक सेवा में मुंसिफ के रूप में नियुक्त हुईं और 1968 में जज के रूप में प्रोमोट हुईं, 1972 में मुख्य जज, 1974 में जिला एवं सत्र जज, 1980 में आयकर अपीलीय ट्रिब्यूनल की न्यायिक सदस्य और 8 अप्रैल 1983 को उन्हें उच्च न्यायालय में एक जज के रूप में नियुक्त किया गया। 06 अक्टूबर 1989 को वे सुप्रिम कोर्ट की जज नियुक्त हुई। जहां से 24 अप्रैल 1992 को वे रीटायर्ड हुई।
किरण बेदी
किरण बैदी भारत की पहली महिला पुलिस ऑफिसर हैं। वे जुलाई 1972 में भारतीय पुलिस सेवा में भर्ती हुई थीं। उनके इस कारनामे ने देश में हर किसी को हैरान कर दिया था। किरण बेदी का जन्म 9 जून 1949 को हुआ। उन्होंने टेनिस में कई खिताब जीते। वे ऑल-एशियन टेनिस चैम्पियनशिप और एशियन लेडीज टाइटल विजेता रह चुकी हैं। वे इंग्लिश में बी.ए. होने के साथ-साथ पॉलिटिकल साइंस में एम.ए. और कानून की ग्रेजुएट हैं। साथ ही, वे आई.आई.टी. दिल्ली से डॉक्ट्रेट भी ले चुकी हैं। 1972 में उन्होंने एक कारोबारी बृज बेदी से विवाह किया था।
कल्पना चावला
कल्पना चावला भारत की पहली महिला हैं जो स्पेस में गई। 1997 में पहली बार उन्होने अंतरिक्ष का सफर किया था, फिर 2003 में उनकी लास्ट फ्लाईट थी जिसमें उनकी मौत हो गई थी। लेकिन आज भी कल्पना चावला हर महिला के लिए एक सीख है। जो उन्हें हर हाल में आगे बढ़ने की प्रेरणा देती हैं। आज हमारे देश में कई संस्थान और रक्षा हथियार हैं जो कल्पना चावला के नाम पर हैं। कल्पना चावला का जन्म 17 मार्च 1962 में हुआ था। उनके पिता का नाम बनारसी लाल चावला और माता का नाम संजयोती देवी था। वह 1982 में इंजीनियरिंग में ग्रेजुएट हुई। उन्होंने 1984 एरॉनॉटीकल इंजीनियरिंग में विज्ञान एक्सपर्ट की उपाधि टेक्सास विश्वविद्यालय आर्लिंगटन से प्राप्त की। कल्पना ने 1986 में दूसरी विज्ञान एक्सपर्ट की उपाधि पाई और 1988 में कोलोराडो विश्वविद्यालय बोल्डर से एरॉनॉटीकल इंजीनियरिंग की उपाधि पाई। अन्तरिक्ष यात्री बनने से पहले वो एक सुप्रसिद्ध नासा वैज्ञानिक थीं।