पर्यटकों के लिए 10 महीनों से बंद श्रीलंका फिर खोला गया, ट्रैवल बबल में रहना होगा, कोरोना प्रोटोकॉल का करना होगा पालन
पर्यटकों के लिए 10 महीनों से बंद श्रीलंका फिर खोला गया, ट्रैवल बबल में रहना होगा, कोरोना प्रोटोकॉल का करना होगा पालन
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कोरोना महामारी के चलते लगभग 10 महीनों से बंद श्रीलंका को विदेशी पर्यटकों के लिए फिर से खोल दिया गया है। आइलैंड के दोनों इंटरनेशनल एयरपोर्ट के फुल ऑपरेशन भी रिज्यूम हो गए हैं। कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए नए प्रोटोकॉल के तहत, श्रीलंका में अपने होटल में पहुंचने से पहले पर्यटकों को अपनी उड़ान से 72 घंटे पहले अपने देश में कोरोना का टेस्ट करवाना होगा। इसके बाद सात दिनों बाद फिर से कोरोना का टेस्ट होगा। उन्हें लोक पॉपुलेशन में मिक्स हुए बिना ट्रैवल बबल में रहना होगा। पर्यटकों के ठहरने के लिए लगभग 180 होटल बनाए गए हैं।
ट्रैवल बबल के प्राइवेट प्रोजेक्ट के तौर पर 26 दिसंबर को यूक्रेन के 1500 पर्यटक श्रीलंका गए थे। इस प्रोजेक्ट की सफलता के बाद श्रीलंका में टूरिज्म को रिज्यूम किया गया है। श्रीलंका सरकार ने पिछले साल मार्च में पर्यटकों की उनके देश में एंट्री पर प्रतिबंध लगाया था जब कोरोना का प्रकोप देश में तेजी से बढ़ा था। श्रीलंकाई लोगों को उनके देश लौटने के लिए सीमित फ्लाइट के ऑपरेशन को छोड़कर इंटरनेशनल एयरपोर्ट बंद कर दिए गए थे। बता दें कि श्रीलंका के लिए पर्यटन एक महत्वपूर्ण इकोनॉमिक सेक्टर है। इसके जरिए करीब 250,000 लोगों को प्रत्यक्ष और 3 मिलियन लोगों को अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलता है। टूरिज्म सेक्टर देश की जीडीपी में करीब 5 प्रतिशत का योगदान देता है।
करीब 10 महीनों से टूरिज्म सेक्टर के बंद होने से होटल और अन्य बिजनसों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है। ऐसे में अब टूरिज्म सेक्टर के दोबारा ओपन होने के बाद उम्मीद की जा रही है कि तंगी से जूझ रहे लोगों को दोबारा रोजगार मिलेगा। अक्टूबर तक श्रीलंका में कोरोनोवायरस संक्रमण के 4,000 से कम मामले थे। लेकिन गारमेंट फैक्ट्री और फिश मार्केट में कोरोना का क्लस्टर मिलने के बाद यहां कोरोना तेजी से फैला। फिलहाल श्रीलंका में कोरोना के 55000 से ज्यादा मामलों की पुष्टि हो चुकी है। 274 लोगों की मौत हुई है और करीब 47200 लोग रिकवर हो चुके हैं।