Coronavirus Thoughts: बोली एक अनमोल है - पंकज राय
Coronavirus Thoughts: बोली एक अनमोल है - पंकज राय
डिजिटल डेस्क, भोपाल। जी हां हमारी वाणी अनमोल है, इसका मूल्य समझने के लिए सर्वप्रथम स्वयं से कुछ सवाल ।
- क्या मैं जरूरत से ज्यादा बोलता/ बोलती हूं?
- क्या मैं बिना सोचे समझे किसी को भी कुछ भी बोल देता/ देती हूं?
- क्या अक्सर कई बार ज्यादा बोलने की वजह से मुझे परेशानियों का सामना करना पड़ता है?
- क्या मैं अपनी बात संक्षेप में एवं स्पष्टता के साथ कह पाता/पाती हूं?
- क्या लोग मुझे सुनना पसंद करते हैं?
आपका व्यक्तित्व ,आपकी वाणी एवं शब्दों में झलकता है । कुछ शब्द आपको सुनने में अच्छे लगते हैं एवं आपको प्रोत्साहित करते हैं, जबकि नकारात्मक एवं चुभन से भरे हुए शब्द आपको परेशान एवं हतोत्साहित करते हैं।
बोली एक अनमोल है, जो कोई बोलै जानि,
हिये तराजू तौलि के, तब मुख बाहर आनि।
बीरदास जी कहते हैं कि वाणी एक अनमोल रत्न है और जो इसकी कीमत समझता है वह सर्वप्रथम होश पूर्वक ह्रदय की तराजू में तौल कर,अर्थातअच्छा एवं बुरा दोनों को ध्यान में रखकर ही बोलता है। मनोवैज्ञानिक दृष्टिकोण से आपके शब्द एवं बोलने का तरीका न केवल आपके माइंड को प्रोग्राम करते हैं बल्कि यह आपके शारीरिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित करते हैं। आइए आपकी वाणी को अनमोल बनाने हेतु कुछ सरल सुझाव इस प्रकार है ।
- वाणी पर नियंत्रण के लिए, सर्वप्रथम कुछ दिन धीरे बोलना प्रारंभ करें ।
- ध्यानपूर्वक सुनना प्रारंभ करें, जैसे-जैसे आप सुनने में निपुण होंगे, वैसे वैसे उसी अनुपात में आपकी वाणी में स्थिरता एवं प्रबलता आएगी ।
- आप अपनी सांस लेने की गति को गहरी एवं धीमी करके भी वाणी पर नियंत्रण कर सकते हैं।
- यथासंभव नकारात्मक एवं व्यर्थ के शब्दों का इस्तेमाल बंद कर दें ,अन्यथा वह आपके जीवन का यांत्रिक हिस्सा बन जाते हैं ।
- अपनी आवाज आप ,मोबाइल में रिकॉर्ड करें एवं उस रिकॉर्डिंग को स्वयं सुने ,अवलोकन करें एवं बेहतर बनाने का प्रयास करें।
- जो व्यक्ति आपको सुनने एवं समझने में रुचि ना ले रहा हो एवं जहां जरूरत ना हो, वहां कृपया शांत रहें । शांत एवं स्थिर चित्त आपके व्यक्तित्व को प्रबल एवं प्रखर बनाता है।
धन्यवाद
पंकज राय
(अंतर्राष्ट्रीय मोटिवेशनल स्पीकर ,लेखकएवं मनोवैज्ञानिक )
M +919407843111