नवरात्रि 2024: नवरात्रि में करते हैं डांडिया और गरबा, लेकिन क्या आप जानते हैं इसका महत्व?

  • 3 अक्टूबर से हुई नवरात्रि की शुरूआत
  • क्यों खेलते हैं नवरात्रि में डांडिया और गरबा?
  • क्या है गरबा और डांडिया का महत्व?

Bhaskar Hindi
Update: 2024-10-05 11:23 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। नवरात्रि की शुरूआत 3 अक्टूबर से हो चुकी है। नवरात्रि की हिंदू धर्म में बहुत मान्याताएं हैं। नवरात्रि में देवी मां के नौ रूपों की पूजा की जाती है। दुर्गा मां की पूजा अराधना करने से सुख-समृ्द्धि, शांति मिलती है। नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा की पूजा करने से आपकी सारी मनोकामना पूरी होती है। इसमें नौ दिनों को देश में पूरे धूम धाम से मनाया जाता है। इसमें पूजा पाठ के अलावा गरबा और डांडिया भी खेला जाता है। जो इस त्योहार को संपूर्णता और उल्लास प्रदान करती हैं। इसके बिना तो नवरात्रि का पर्व अधूरा रहता है।

क्यों खेलते हैं गरबा?

गरबा का मतलब होता है "गर्भ" या "अंदर का दीपक।" जो देवी शक्ति की अराधना का प्रतीक माना जाता है। नवरात्रि के नौ दिनों में लोग मिट्टी के मटके में दीपक जलाते हैं जिसे "गरबी" कहा जाता है। इस मटके को दुर्गा मां की शक्ति और एनर्जी के रूप में देखा जाता है। साथ ही इसके चारों तरफ लोग गरबा और नृत्य करते हैं। गरब करते वक्त लोग चारों तरफ गोल घेरा बनाकर माता की भक्ति में डूबकर हर्ष और उल्लास के साथ नाचते हैं। ये जीवन चक्र और देवी मां की अनंत शक्ति का प्रतीक माना जाता है।

गरबा दुर्गा मां की स्तुति में गाए जाने वाले लोकप्रिय गीतों पर किया जाता है। गरबा एक पारंपरिक नृत्य है जो गुजरात में सबसे ज्यादा फेमस है लेकिन अब धीरे-धीरे हर शहर और राज्य में लोकप्रिय हो गया है।

क्या है गरबा की मान्यता?

गरबा उर्जा से भरपूर होता है तभी ये शक्ति और उर्जा का प्रतीक माना जाता है। गरबा दुर्गा मां की आस्था, अराधना और विश्वास का प्रतीक है। ये नृत्य देवी मां के गर्भ में छुपी हुई उर्जा और शक्ति को प्रकट करता है। गरबा का गोल घेरा ब्रह्मांड के लगातार चलने वाले चक्र का प्रतीक माना जाता है। जहां जीवन और मरण एक चक्र में बंधे होते हैं।

डांडिया क्यों खेला जाता है?

डांडिया नृत्य में पुरुष और महिलाएं लकड़ी की डंडी का प्रयोग करते हैं। और एक दूसरे के साथ खेलते हैं। ये दुर्गा मां और महिषासुर के बीच हुई लड़ाई का प्रतीक है। डांडिया नृत्य में इस्तेमाल की गई डंडियां मां दु्र्गा की तलवार की प्रतीक मानी जाती हैं। जो कि बुराई का विनाश करती हैं। 

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