गणेश चतुर्थी 2024: सुख-समृद्धि और सौभाग्य के देवता हैं भगवान गणेश, घर पर की है स्थापना, तो जानें इनकी पूजा के सही नियमों के बारे में
- घर पर की है गणेश जी की स्थापना तो रखें इन बातों का ध्यान
- ऐसा काम ना करें जिससे भगवान को कष्ट हो
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आज देशभर में गणेश उत्सव की धूम मची हुई है। चारों ओर बप्पा मोरिया की गूंज है। पंडालों के अलावा घरों में भी लोग तन-मन से गणपति बप्पा की पूजा, अराधना में जुटे हुए हैं। मान्यता है कि इन 10 दिनों तक भगवान गणेश पृथ्वी पर ही रहते हैं और अपने भक्तों के कष्टों को दूर करते हैं। ऐसे में ज्ञान, सुख-समृद्धि और सौभाग्य के देवता भगवान गणेश की पूजा-अर्चना करने से घर में सुख-समृद्धि का वास होता है। यह त्योहार गणेश चतुर्थी से शुरू होकर अनंत चतुर्दशी तक रहता है। ऐसे में अगर आपने भी घर में गणपति की प्रतिमा स्थापित की है तो पूजा की विधि, नियमों और कुछ खास बातों का विशेष रुप से ख्याल रखना बहुत जरुरी होता है। चलिए जानते हैं गणपति की प्रतिमा स्थापित करने की और पूजा करने की सही विधि और नियमों के बारे में।
साफ-सफाई का रखें विषेश ध्यान
गणेश स्थापना से पहले और बाद में घर और मंदिर की साफ-सफाई का विशेष ख्याल रखना चाहिए। ध्यान रहे जहां पर आपने गणेश स्थापित की है वहां बिल्कुल गंदगी ना हो। साथ ही उस स्थान पर किसी भी तरह की अशुद्धता और कचरा न रहने दें। गंगाजल का छिड़काव भी करना शुभ माना जाता है।
पूजा-पाठ के नियमों का रखें ध्यान
भगवान गणेश की स्थापना करने के बाद उनके पूजा-पाठ के नियमों का भी विशेष रूप से ध्यान रखें। हर दिन सुबह जल्दी उठकर गणेश जी का ध्यान करें। रोज अपने पूजा घर की और घर की अच्छी तरह से साफ-सफाई करनी चाहिए। इसके बाद, रोज दोनों समय भगवान गणेश को भोग लगाना चाहिए, धूप और दीप दिखाना चाहिए। बता दें कि भगवान गणेश को दूर्वा और मोदक अति प्रिय है। तो उनको प्रसन्न करने के लिए 21 दूर्वा और उनका प्रिय भोग मोदक और लड्डू अर्पित करना चाहिए। पूजा के अंत में सभी सदस्यों को मिलकर गणेश जी की आरती करनी चाहिए और आखिर में प्रसाद बांटना चाहिए।
नॉनवेज और नशे से जुड़ी चीजों से रहें दूर
अगर आपने घरों में गणेश जी स्थापित किए हैं तो इस बात का खास ख्याल रखें कि गणेश उत्सव के 10 दिनों तक नॉनवेज और शराब का सेवन बिल्कुल ना करें। साथ ही घर भी लाने से बचें। इसके अलावा हो सके तो इस समय लहसुन और प्याज का भी सेवन ना करें। ध्यान रहे कि हमको कोई भी ऐसा काम नहीं करना चाहिए जिससे भगवान को कष्ट हो या उन्हें नापसंद हो।