जानिए 21 जून को ही क्यों मनाया जाता है "अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस", क्या है इसका इतिहास और इस साल की थीम ?

Bhaskar Hindi
Update: 2023-06-20 10:55 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत को योग गुरु माना जाता है। भारत में ऋषि मुनियों के समय से योग होता आ रहा है। योग के बारे में हमें ऋग्वेद जैसे पौराणिक पुस्तकों में पढ़ने को मिल जाता है। महर्षि पतंजलि को योग का जनक कहा जाता है। योग को भारत के स्वर्ण युग करीब 26,000 साल पहले की देन माना जाता है। शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए योग लाभकारी है। योग का नियमित अभ्यास हमें रोगों से मुक्त रखता है। योग हमारी संस्कृति से जुड़ा हुआ है लकिन आज पुरी दुनिया में लोग इसे अपना रहे हैं। योग के प्रति जागरूकता को बढ़ाने के लिए हर साल 21 जून को "अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस" मनाया जाता है। आम लोगों से लेकर सलेब्स तक योग में दिलचस्पी दिखाते हैं और लोगों को करने के लिए प्रेरित भी करते हैं। यह आपके शरीर को लचीलापन रखने के साथ-साथ मांसपेशियों में ताकत और बॉडी टोन करने के लिए में भी फायदेमंद है। योग के पास हर बीमारी का समाधान है बस आपको इसे नियमित रुप से करने की जरूरत है। तो चलिए योग दिवस के मौके पर जानते हैं कि, इसकी शुरुआत कैसे हुई और इस साल इसे मनाने की थीम क्या है-

कब और कैसे हुई इसे मनाने की शुरुआत

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाने की अवधारणा पहली बार प्रधान मंत्री मोदी ने 27 सितंबर, 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने भाषण के दौरान इसे लेकर प्रस्ताव रखा था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त महासभा में दुनिया के तमाम देशों से योग दिवस को मनाने का आह्वान किया। प्रधानमंत्री मोदी के प्रस्ताव को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने स्वीकार करते हुए महज तीन माह के अंदर अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के आयोजन का ऐलान कर दिया। जिसके बाद अगले वर्ष 2015 में पहली बार विश्व ने योग दिवस मनाया गया। इस साल, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी 21 जून को संयुक्त राष्ट्र मूख्यालय में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस समारोह का नेतृत्व करेंगे। खबरों के अनुसार 180 देश एक साथ इस दिन को योग दिवस के रुप में बनाते हैं।

जानिए 21 जून को ही क्यों मनाया जाता है "अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस"

योग दिवस को मनाने के लिए 21 जून की तारीख फाइनल की गई है। 21 जून को योग दिवस के तौर पर मनाने की वजह भी है। इस तारीख को उत्तरी गोलार्द्ध का सबसे लंबा दिन होता है। जिसे ग्रीष्म संक्रांति कहते हैं। भारतीय परंपरा के अनुसार, ग्रीष्म संक्रांति के बाद सूर्य दक्षिणायन होता है। सूर्य दक्षिणायन का समय आध्यात्मिक सिद्धियों को प्राप्त करने के लिए असरदार है। इस कारण 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाते हैं।

जानिए इस साल की थीम

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को हर साल अलग अलग थीम के साथ मनाया जाता है।इस साल योग दिवस 2023 की थीम 'वसुधैव कुटुंबकम के लिए योग' है। वसुधैव कुटुंबकम का अर्थ है- धरती ही परिवार है। इस थीम से का मतलब धरती पर सभी लोगों के स्वास्थ्य के लिए योग की उपयोगिता से है। आप इस 9वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर अपनी फैमिली और आसपास के लोगों को फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम या व्हाट्सएप के जरिए योग दिवस पर जागरूकता फैलाने के लिए संदेश भेज सकते हैं।

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