सावन स्पेशल: सावन के महीनें में बना रहे हैं घुमने जाने का प्लान तो, जरूर करें मध्यप्रदेश के इन मंदिरों में भगवान शिव के दर्शन

  • सावन के महीनें में बना रहे हैं घुमने जाने का प्लान तो
  • जरूर करें मध्यप्रदेश के इन मंदिरों में भगवान शिव के दर्शन

Bhaskar Hindi
Update: 2024-07-21 11:07 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देवों के देव महादेव का सबसे प्रिय माह सावन यानी श्रावण 22 जुलाई से आरंभ हो रहा है। सावन का महीना हिंदू कैलेण्डर का 5वां महीना होता है। शिव पुराण के अनुसार, सावन के महाने में भगवान शिव और माता पार्वती पृथ्वी में निवास करते है। इसलिए कहा जाता है कि सावन के महीने में शिवलिंग की पूजा करने से जीवन में सुख एवं समृद्धि की प्राप्ति होती है और सभी तरह की मनोकामनाएं जल्दी ही पूरी हो जाती है।

यही कारण है कि सावन के पूरे महीने शिव भक्त मंदिरों में दर्शन करने पहुंचते है। आज हम आपको भारत के हदय कहा जाने वाला मध्यप्रदेश के कुछ शिव मंदिर के बारे में बताते है जो अपने प्रकृतिक और इतिहास के लिए प्रसिद्ध है। यहां पर आप अपनी फैमली के साथ जा कर आराम से भगवान शिव के दर्शन कर सकते हैं और पुण्य कमा सकते हैं।

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महाकालेश्वर मंदिर

मध्यप्रदेश के उज्जैन जिले में स्थित महाकालेश्वर मंदिर को कालों के काल महाकाल का मंदिर कहा जाता है। 12 ज्योतिर्लिंग में से महाकाल ही एकमात्र सर्वोत्तम शिवलिंग है। यह मंदिर उज्जैन में क्षिप्रा नदी के किनारे स्थित है जिसे की स्वयंभू अर्थ स्वयं प्रकट हुआ माना जाता है। इस मंदिर की महिमा का वर्णन महाभारत एवं कालिदास के मेघदूत में भी किया गया है।

ओंकारेश्वर मंदिर

मध्यभारत की पवित्रतम नदियों में से एक नर्मदा नदी के मध्य में बसा ओंकारेश्वर मन्दिर इस क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ तीर्थ माना जाता है। मान्यता है कि भगवान भोलेनाथ तीनों लोक का भ्रमण करके प्रतिदिन इसी मंदिर में रात को सोने के लिए आते है। भगवान शिव के साथ मां पार्वती भी यहा विश्राम करते है, साथ ही दोनों चौसर भी खेलते है।

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पशुपतिनाथ मंदिर

मध्यप्रदेश के मंदसौर जिले में शिवना नदी के तट पर भगवान पशुपतिनाथ का मंदिर है। इस मंदिर में अष्टमुखी शिवलिंग की पूजा होती है। शिवलिंग में भगवान शिव के आठ मुख है, जिसमें उनकी अलग- अलग मु्द्रा दिखाई गाई है। कहा जाता है कि इस का निर्माण विक्रम संवत 575ई के आसपास हुआ था। यहां सावन माह के दौरान मेला लगता है।

भोजपुर मंदिर

मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल से लगभग 32 किलोमीटर दूर भोजपूर मंदिर हैं। इस मंदिर का निर्माण परमार वंश के राजा भोज द्वारा किया गया था। यहां साल में दो बार मेला लगता है, एक बार संक्रांति में और दूसरा सावन में शिवरात्रि के दौरान। कहा जाता है कि ये एकलौता शिवलिंग है जो एक पत्थर से बना हुआ है।

डिसक्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारी अलग अलग किताब और अध्ययन के आधार पर दी गई है। bhaskarhindi.com यह दावा नहीं करता कि ये जानकारी पूरी तरह सही है। पूरी और सही जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ (डॉक्टर/ अन्य एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें।

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