हेल्थ: अगर आप भी टैटू के शौकीन हैं तो हो जाएं सावधान, जानिए टैटू बनवाने के बाद इंफेक्शन से कैसे बचें?
- टैटू बनवाते समय सावधान रहें
- अनप्रोफेशनल आर्टिस्ट से टैटू न बनवाएं
- टैटू से हो सकता है HIV और कैंसर का खतरा
डिजिटल डेस्क, भोपाल।भारत में लोग कई सालों पहले से टैटू बनवाते आ रहे हैं। पहले के समय में लोग शरीर पर गुदवाया करते थे जिसको आज टैटू का नाम दे दिया गया है। पहले ट्राइब्स के अपने अलग- अलग सिम्बॉल्स होते थे। इन चित्रों से पता लगाने में आसानी होती थी कि वह किस ग्रुप के हैं। शरीर पर डिफरेंट-डिफरेंट डिजाइंस बनवाना और अलग- अलग भाषा में लिखवाना फैशन बनता जा रहा है। लोगों का मानना है कि टैटू बनवाने से वह फैशनेबल लगेंगे। साथ ही अपने आप को अच्छे से एक्सप्रेस भी कर पाएंगे।
आज जगह- जगह टैटू स्टूडियो खुल रहे हैं। हम कई बार सस्ते के चक्कर में रोड़ के किनारे से टैटू करा लेते हैं। लेकिन अनप्रोफेशनल से टैटू बनवाना खतरे से खाली नहीं होता। चलिए जानते हैं आपको टैटू बनवाते समय और बनने के बाद किन चीजों का ध्यान रखना है।
टैटू बनाने की इंक से सावधान
जो इंक टैटू बनाने के लिए यूज की जाती है उसमें केमिकल होते हैं। जैसे क्रोनियम, मैंगनीज, कार्सिनोजेनिक। यह कोमिकल्स हमारे शरीर के लिए ठीक नहीं होते। इनसे हमारे शरीर को खतरा हो सकता है। टैटू आर्टिस्ट कई बार यूज्ड इंक का इस्तेमाल करते हैं जिससे बीमारियां होने का खतरा बढ़ जाता है। आप रोड के किनारे बैठे हुए आर्टिस्ट से टैटू बनवाने की गलती न करें क्योंकि कई बार वो लोग पुरानी नीडल और इंक का यूज करते हैं।
टैटू से HIV कैसे?
सुई शरीर के अंदर जाती है और इंक छोड़ती है जिससे टैटू बनता है। यह एकदम सिलाई की मशीन की तरह काम करता है। एक्सपर्ट के मुताबिक जादातर इन्फेक्शन तब ही होते हैं। अनप्रोफेशनल टैटू बनाने वाले एक नीडल को कई कस्टमर्स के टैटू बनाने के लिए यूज करते हैं उसी वजह से कई बीमारियां होती हैं जो बल्ड से फैलती है जैसे HIV का खतरा बढ़ता है। यूज्ड नीडल में पहले से ही दूसरे लोगों का खून लगा होता है। सेम नीडल से सिर्फ HIV ही नहीं बल्कि और भी तरह के रोग हो सकते हैं
अनप्रोफेशनल टैटू आर्टिस्ट से दूर रहें
एक्सपर्ट के मुताबिक इंक और नीडल न चेन्ज होने की वजह से बीमारियां होती हैं। पहले की इंक्स में बैक्टीरिया आ जाते हैं जिसे चेंज नहीं किया गया तो इंफेक्शन फैल सकता है। अगर आप भी रोड साइड टैटू बनवाने के बारे में सोच रहे हैं तो आप इन प्रॉब्लम्स को दावत दे सकते हैं-
आपको स्किन इन्फेक्शन होने की संभावना है
HIV पॉजिटिव होने का खतरा
स्किन कैंसर हो सकता है
स्किन या शरीर में रेडनेस और एलर्जी
हेपेटाएइटिस B और C की चपेट में आ सकते हैं
कैंसर कॉजिंग केमिकल
ऑस्ट्रेलिया के कैंसर काउंसिल की रिपोर्ट के हिसाब से टैटू बनाने वाली इंक में कार्सिनोजेनिक केमिकल मिला होता है जिससे कैंसर का खतरा होता है। हेल्थलाइन की एक रिपोर्ट के हिसाब से AZO नाम का केमिकल पया जाता है जो कैंसर का कारण है। बताया जाता है कि कार को जब हम पेंट करते हैं तो इसी केमिकल का यूज किया जाता है। यहां तक की एक स्टडी में पाया गया कि रेड इंक केंसर की बड़ी वजह है। चूहों के ऊपर इस स्टडी के मुताबिक लाल इंक को बहुत बड़ा खतरनाक पाया गया है।
इन 6 चीजों पर ध्यान दें
अगर आप टैटू बनवाने जाते हैं तो सबसे पहले टैटू आर्टिस्ट का लाइसेंस चेक करें। अगर लाइसेंस न हो तो उस जगह से टैटू न बनवाएं।
कभी भी अनप्रोफेशनल जगह से, रोड साइड और सस्ती जगह से टैटू न बनवाएं।
इस बात का खास ध्यान दें कि टैटू बनवाने से पहले हमेशा नीडल चेंज करवा लें।
नीडल और इंक की एक्सपायरी पर नजर डालें, कहीं वह पुरानी न गई हो।
किसी भी लोकल शॉप की नीडल से टैटू न करवाएं। बैंडेड चीजें ही यूज करें।
इस बात पर ध्यान दें कि टैटू बनाने वाले ने क्लीन ग्लव्स पहने हैं या नहीं, यूज्ड ग्लव्स पहने हो तो आप उसे चेंज करने के लिए बोलें।
टैटू बनने के बाद रखें खास ध्यान
आपको क्या लगता है, आपने टैटू बनवा लिया और आपका काम खत्म हो गया? टैटू बनने के बाद और भी सावधानी की जरूरत पड़ती है। अगर आपने ध्यान नहीं दिया तो इंफेक्शन हो सकता है। टैटू बनने के लगभग एक हफ्ते तक आपको इन चीजों पर ध्यान देना है।
जहां टैटू बना है उस जगह पर धूल मिट्टी लगने से बचाना है। वह जगह क्लीन रहनी चाहिए।
टैटू को गीला न करें, नहाते समय खास ध्यान रखें ।
सोते समय सावधानी रखें कि जहां टैटू बना है उस जगह रगड़ न आए।
स्किन को दबाना या खुजली नहीं करना है।
एक से दो हफ्ते स्विमिंग पूल में न जाएं और नदी या लेक के पानी से भी दूरी बनाए रखें।
स्किन से चिपके कपड़े पहनने से बचें नहीं तो उससे रखड़ पैदा होगी।
टैटू वाली जगह को अच्छे से मॉइस्चराइज करने से आराम मिलेगा।
हेल्दी खाना खाएं, फास्ट फूड खाने से बचें।
अगर किसी भी तरह की इरिटेशन होती है या इंफेक्शन होता है तो डॉक्टर के पास बिना किसी देरी के जाएं।
डिसक्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारी अलग अलग किताब और अध्ययन के आधार पर दी गई है। bhaskarhindi.com यह दावा नहीं करता कि ये जानकारी पूरी तरह सही है। पूरी और सही जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ (डॉक्टर/ अन्य एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें।