गार्सिनिया कैंबोगिया वजन कम करने में बेहद कारगर है! तनाव भी कम करता है।
- आयुर्वेद में इसे वृक्षाम्ला के नाम से भी जाना गया है।
- भारत में आमतौर पर यह फल कोंकण से लेकर त्रावणकोर और नीलगिरी के क्षेत्र में पाया जाता है।
- खट्टा होने की वजह से, इसे फिश करी में अक्सर उपयोग में लाया जाता है।
गार्सिनिया कैंबोगिया एक बड़ा ही विलक्षण फल है और वर्तमान में तेजी से बदलती जीवनशैली और बढ़ते तनाव के बीच बेहद उपयोगी भी ।
आज वजन कम करना एक बड़ी चुनौती बन गया है। सोशल मीडिया पर हर रोज़ अनोखे ट्रेंड वायरल होते हैं। सच है कि आमतौर पर लोग कई तरीकों का उपयोग करते हैं। इनमें सबसे प्राधान है डाइटिंग। हालांकि खाने की मात्रा कुछ समय के लिए तो कम हो जाती है मगर तनाव, बिजी स्केड्यूल और सोशल प्रेशर के कारण जयादातर लोग डाइट का लगातार पालन नहीं कर पाते। और यहां पर गार्सिनिया एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
आयुर्वेद में इसे वृक्षाम्ला के नाम से भी जाना गया है। और भारत में आमतौर पर यह फल कोंकण से लेकर त्रावणकोर और नीलगिरी के क्षेत्र में पाया जाता है। और खट्टा होने की वजह से, इसे फिश करी में अक्सर उपयोग में लाया जाता है।
गार्सिनिया कैंबोगिया के बहुत सारे लाभ हैं, पर इस फल का प्रमुख लाभ वजन घटाने की उसकी क्षमता है। कई अध्ययनों ने गार्सिनिया कैंबोगिया की प्रभावशीलता की पुष्टि की है और यह क्षमता उसमें मौजूद HCA नामक एक तत्व से है। यह एक ऐसे एंजाइम के कार्य को अवरोधित करने में सक्षम होता है, जो अतिरिक्त कार्बोहाइड्रेट को वसा में परिवर्तित करने में मदद करता है।
इसके साथ साथ गार्सिनिया प्राकृतिक तरीके से क्षुधा को नियंत्रित करके भूख को दबाने में मदद करता है, जिससे लोग अपने भोजन की मात्रा को स्वतः ही नियंत्रित कर लेते हैं। तो इसके सेवन से संकल्प शक्ति की जरूरत नहीं पड़ती और जयादातर लोग वजन में काफी फरक देखते हैं।
गार्सिनिया में मौजूद विटामिन सी और HCA के कारण, शरीर का मेटाबॉलिज्म भी बढ़ता है। यह प्रक्रिया जिन लोगों में सुस्त हो जाती है, उनके शरीर में वसा बढ़ने लगता है। गार्सिनिया के लगातार सेवन से जब यह प्रक्रिया पुनः तीव्र गति को प्राप्त होती है तो मेटाबॉलिज्म के सुधार के कारण शरीर का फैट कम हो जाता है और नई चर्बी भी जमा नहीं होती।
इसके साथ ही यह फल सेरोटोनिन नामक एक न्यूरोट्रांसमिटर के स्तर को बढ़ाने में मदद करता है, जो मनोवैज्ञानिक स्तर पर मूड नियंत्रण करने के लिए जाना जाता है। यह मन की स्थिति को नियंत्रित करके शांति और स्थिरता को बढ़ाता है। सेरोटोनिन का एक और उपयोग भी है। यह बिंज ईटिंग - तनाव को कम करने के लिए जंक फूड खाना - यानी अनावश्यक खान-पान को कम करता हैं। जिससे अनावश्यक कैलोरीज़ शरीर में नहीं जाती और वजन पर नियंत्रण हो जाता है।
और साथ ही यह फल कॉर्टिसोल नामक स्ट्रेस हॉर्मोन पर भी प्रभाव डालता है। जब कॉर्टिसोल की मात्रा ज़्यादा होती है, खासकर किसी तनाव की वजह से तो शरीर ज्यादा से ज्यादा फैट को जमा करने के लिए तत्पर हो जाता है। गार्सिनिया कैंबोगिया के सेवन से यह हॉर्मोन कम होता है जिससे शरीर वजन कम करने के लिए प्रयास करता है।
इन सभी कारणों से, गार्सिनिया कैंबोगिया एक प्रभावी वजन घटाने का तरीका है और इसे सुरक्षित तरीके से सेवन किया जा सकता है। यद्यपि ये बहुत ही प्रभावशाली फल है, लेकिन इसमें HCA - जिसके कि यही सब लाभ हैं, वो बहुत कम मात्रा में होता हैं। रोचक बात ये है कि - गार्सिनिया के कई सप्लीमेंट आज उपलब्ध हैं - खास तौर पर चूर्ण या टैबलेट्स । हालांकि, उनमें HCA का मात्रा केवल 10%-30% ही होता है। लेकिन रसायनम आयुर्वेद के द्वारा बनाया हुआ विलक्षण गार्सिनिया द्रव्य जिसमें HCA की 80% मात्रा है, और ये साधारण कैप्सूल्स से चार गुना तक ज्यादा असरदार है।
गौर करने की बात ये है कि ये एक सप्लीमेंट के तौर पर कारगर है, परंतु अंतिम प्रिणाम जीवनशैली पर निर्भर करते हैं। यदि धीरे-धीरे जीवनशैली में परिवर्तन लाया जाए तो वजन और तनाव को कम करने के लिए गार्सिनिया का पूरा फायदा उठाया जा सकता है ।