जीवन शैली: गर्मियों में भूलकर भी न करें ये काम, कई तरह की बीमारियों को हो जाएंगे शिकार

  • गर्मियों के मौसम में खानपान और जीवनशैली में करें बदलाव
  • एल्कोहल, मसालेदार भोजन, हेवी वर्कआउट से करें परहेज
  • संतुलित भोजन और नॉर्मल पानी का करें सेवन

Bhaskar Hindi
Update: 2024-03-19 21:07 GMT

डिजिटल डेस्क, भोपाल। सर्दी की विदाई के साथ गर्मी के मौसम की एंट्री हो चुकी है। मार्च-अप्रैल से शुरू होने वाला ये मौसम जून-जुलाई यानी 4 महीने तक रहता है। इस मौसम में अगर हम अपने खानपान और जीवनशैली पर ध्यान न दें तो कई शारीरिक और मानसिक समस्याओं का शिकार हो जाते हैं। इस लेख में हम आपको लोगों की उन आदतों के बारे में बताने जा रहे हैं जो वो गर्मियों के मौसम में जाने-अनजाने में करते हैं और अपनी सेहत का काफी नुकसान करवा बैठते हैं।

ठंडा पानी और कोल्ड ड्रिंक्स का सेवन

गर्मियों में ठंडा पानी और कोल्ड ड्रिंक्स का सेवन करने से लोग हाइड्रेशन की समस्या से घिर जाते हैं। उनकी पाचन शक्ति धीमी पड़ जाती है। इसके साथ ही शरीर का अंदर का तापमान बदल जाता है। इससे होता यह है कि शरीर भोजन को पचाने और ऊर्जा का निर्माण के लिए जरुरी पोषक तत्वों को अवशोषित करने के बजाए बॉडी के तापमान को कंट्रोल करने में अपनी सारी एनर्जी लगा देता है। वहीं कोल्ड ड्रिंक्स के सेवन से कई तरह की हेल्थ समस्याएं जैसे कि गर्दन दर्द आदि हो सकते हैं।

ज्यादा मसाले वाला भोजन

गर्मियों के मौसम में ज्यादा मसाले वाला भोजन नहीं खाना चाहिए। दरअसल, ये हमारे शरीर को डिहाइड्रेट करते हैं। गर्मियों में इन्हें डाइजेस्ट करना भी मुश्किल होता है। जिससे हमारी सेहत पर बुरा असर पड़ता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक ज्यादा मसालेदार भोजन खाने से शरीर में पित्त दोष बढ़ने का खतरा ज्यादा हो जाता है। जिससे शरीर के तापमान में बढ़ोतरी और डिहाइड्रेशन जैसी समस्याएं होती हैं।

एल्कोहल का सेवन

गर्मियों में एल्कोहल का सेवन करने से भी बचना चाहिए। दरअसल, इसके सेवन से भी पित्त दोष बढ़ता है। जिससे शरीर में सूजन और जलन जैसी समस्याएं पैदा हो सकती हैं। इसके अलावा चाय-काफी का सेवन करने से भी गर्मियों के मौसम परहेज करना चाहिए क्योंकि यह डिहाइड्रेशन की वजह बन सकती हैं।

जरुरत से ज्यादा वर्कआउट

गर्मियों में हैवी वर्कआउट करने से भी परहेज करना चाहिए। गर्मियों में ज्यादा कसरत करने से पित्त और वात दोष का असंतुलन होता है जिससे कई रोगों से ग्रसित होने का खतरा बढ़ जाता है।

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