रेबीज डिजीज: पालतू कुत्तों से हो जाएं सावधान नहीं तो जा सकती है आपकी जान, जानिए किन-किन जानवरों के काटने से फौलता है रेबीज

  • जानिए किन जानवरों के काटने से होता है रेबीज का खतरा

Bhaskar Hindi
Update: 2024-07-13 13:03 GMT

डिजिटल डेस्क, भोपाल। आए दिन ऐसी खबर सुनने को मिलती है कि किसी बच्चे पर कुत्तों के झुंड ने हमला कर दिया। कुत्तों के काटने से रेबीज की बीमारी हो सकती है। यह बीमारी पालतू कुत्तों के काटने के साथ आवारा कुत्तों से भी फैलती है। लेकिन रेबीज सिर्फ कुत्ते के काटने से ही नहीं बल्कि दूसरे जानवरों के काटने से भी होता है। कई बार लोग कुत्तों के दांत या नाखून से लगी चोट को नजरअंदाज कर देते हैं। यह गलती आपकी जान को खतरे में भी डाल सकती है। अगर आपको कभी कुत्ता काट ले तो बिना देर किए इंजेक्शन लगवाएं।

रेबीज क्या है?

रेबीज एक बीमारी है जो जानवरों में पाई जाती है। अगर आपको कोई जानवर काट ले जो रेबीज के वायरस से संक्रमित है, तो ऐसे में आपको भी यह वायरस अपनी चपेट में ले सकता है। दरअसल यह वायरस संक्रमित जानवरों के सलाइवा के जरिए इंसानो के शरीर में एंटर करता है। इस बीमारी के लक्षण एक से तीन महीने के अंदर-अंदर दिखने लगते हैं। अगर इस बीच एंटी रेबीज इंजेक्शन न लगवाया जाए तो मौत का खतरा बना रहता है।

रेबीज के लक्षण

रोबीज के यह लक्षण एक से तीन महीने के अंदर दिखाई देने लगते हैं- हर समय थकान का अहसास होना, हेडएक, फीवर, मांसपेशियों में अकड़न महसूस होना, जल्दी गुस्सा आना, अजीब हरकतें करना, पैरालिसिस मुंह से सलाइवा गिरना लाइट या तेज आवाज से बेचैनियत, स्वभाव में चिड़चिड़ा पन आना, बोलने में दिक्कत होना।

कुत्तों के अलावा इनसे फैलता है रेबीज

डॉक्टरों के मुताबिक रेबीज का वायरस कुत्तों, बंदर, बिल्ली और चूहे में सबसे ज्यादा पाया जाता है। क्योंकि यह जानवर इंसानों के सबसे ज्यादा करीब रहते हैं। इन जानवरों के काटने पर फौरन अस्पताल जाकर इलाज कराएं।

रेबीज का खतरा टालें

अगर आपको कोई जानवर काटता है जैसे बिल्ली, कुत्ता या बंदर, तो उस जगह को अच्छे से सोप की मदद से धो लें। अगर बड़ा जख्म है तो सबसे पहले उस जगह को साफ करें और बीटाडीन क्रीम लगाएं। इसके बाद समय न गवाते हुए फौरन हॉस्पिटल जाकर डॉक्टर की सलाह लें। रेबीज से बचने के लिए एंटीबॉडी और टिटनेस के इंजेक्शन का डोज लगवाएं। डॉक्टर्स के मुताबिक जानवर के काटने के बाद 24 घंटों के भीतर इंजेक्शन लगवाना चाहिए। इन इंजेक्शन के 4 से 5 डोज दिए जाते हैं। वहीं कुत्ते के काटने पर 5 इंजेक्शन लगते हैं।

डिसक्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारी अलग अलग किताब और अध्ययन के आधार पर दी गई है। bhaskarhindi.com यह दावा नहीं करता कि ये जानकारी पूरी तरह सही है। पूरी और सही जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ (डॉक्टर/ अन्य एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें।

Tags:    

Similar News