जीवन शैली: सावधान... आई फ्लू ने दी दस्तक, अपनी आंखों का रखें ख्याल
- तेजी से बढ़ रहे आई फ्लू के मामले
- मौसम में बदलाव के साथ बढ़ रहे आंखों की सूजन और तकलीफ के मरीज
- संक्रामक होता है ये रोग
डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा। तेज तपन के बाद अचानक बारिश होने से लगातार बदल रहे मौसम के मिजाज ने लोगों के स्वास्थ्य पर असर करना शुरू कर दिया है। बदलते मौसम के साथ इन दिनों आई फ्लू (कंजंक्टिवाइटिस) के पेशेंट मिलने लगे है। वायरल की चपेट में आने वाले मरीज आंखों में सूजन और तकलीफ से परेशान है। परिवार में एक व्यक्ति के संक्रमित होने से लगभग पूरा परिवार इसकी चपेट में आ रहा है।
जिला अस्पताल के नेत्र रोग विभाग की ओपीडी में रोजाना पांच से सात मरीज आई फ्लू का इलाज कराने पहुंच रहे है। नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. राहुल कोठारी ने सलाह दी है कि आई फ्लू से बचने के लिए संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाकर रखें और आंखों की सफाई का विशेष ध्यान रखें। चिकित्सकीय सलाह से ही आंखों में ड्रॉप डाले या दवा लगाएं।
क्या है आई फ्लू?
नेत्र रोग विशेषज्ञों के मुताबिक यह मौसम परिवर्तन से होने वाली सामान्य बीमारी है। आई फ्लू के दौरान आंखों के सफेद हिस्से में संक्रमण होता है। इस बीमारी को कंजंक्टिवाइटिस कहा जाता है।
बरतें सावधानी
यह रोग एक से दूसरे से फैल सकता है। संक्रमित से दूरी बनाकर रखे। खासकर बच्चों का ख्याल रखें। यदि बच्चा संक्रमित होता है तो उसे कम से कम पांच दिनों तक स्कूल न भेजें। ताकि अन्य बच्चे संक्रमित होने से बच सके।
आई फ्लू के लक्षण
- आंखों और पलकों में लालपन के साथ दर्द।
- आंखें खुली रखने में कठिनाई होना।
- आंखों में कीचड़ आना या चिपचिपा होना।
- आंखों में पानी आना और खुजली होना।
- धुंधला दिखना और जलन होना।
- आंखों में लम्बे समय तक सूजन।
- सिर दर्द होना और जी मिचलाना।
संक्रमण से बचने की सलाह
- आंखों को छूने से पहले हाथ धो लें।
- संक्रमित का टॉवल, तकिया, आई ड्रॉप का इस्तेमाल न करें।
- बाहर से आने के बाद आंखों को साफ पानी से धोएं।
- आंखों के सौंदर्य प्रसाधनों का प्रयोग न करें।
- आंखों से निकलने वाले द्रव को गीले कपड़े से कई बार साफ करें।
- आंखों में लालीमा होने पर नेत्र चिकित्सक से इलाज कराएं।
- डॉक्टर की सलाह के बिना किसी ड्रॉप को आंख में न डाले।