बांग्लादेश तख्तापलट: 'प्रदर्शनकारियों ने मेरे पिता का अपमान किया, मैं देश वासियों से न्याय की मांग करती हूं', देश छोड़ने के बाद शेख हसीना का पहला बयान
- बांग्लादेश में 5 अगस्त के बाद हुआ तख्तापलट
- शेख हसीना ने भारत में ली शरण
- देशवासियों के नाम जारी बयान में अपने साथ न्याय की मांग की
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बांग्लादेश छोड़ने के बाद पहले बार देश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने बयान जारी किया। उन्होंने कहा, 'जिन बंगबंधु शेख मुजीबुर्रहमान के नेतृत्व में देश ने आजादी हासिल की थी, उनका अपमान किया गया है।' पूर्व सीएम ने आगे कहा, 'मेरे पिता का अपमान किया है, मैं देश वासियों से न्याय की मांग करती हूं।'
बता दें कि बांग्लादेश में भड़की हिंसा के बाद 5 अगस्त को देश छोड़कर भारत आई थीं, तब से वो यहां हैं। शेख हसीना का यह बयान बेटे सजीब वाजेद के हवाले से सामने आया है। जो उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए दिया।
शेख हसीना ने बांग्लादेश के नागरिकों से अपने पिता शेख मुजीबुर्रहमानकी बर्षी पर शोक मानने की अपील की। बता दें कि 15 अगस्त को ही मुजीबुर्रहमान की हत्या कर दी गई थी। वहीं दूसरी तरफ तख्तापलट के बाद गठित अंतरिम सरकार ने इस दिन की छुट्टी कैंसिल करने का फैसला लिया है।
इससे पहले शेख हसीना ने कहा था कि अमेरिका को सेंट मार्टिन आईलैंड चाहिए था। हमारी सरकार ने उसकी यह इच्छा पूरी नहीं की इस वजह से उनकी सरकार गिराई गई। इकोनॉमिक टाइम्स ने हसीना के करीबियों के हवाले से बताया कि हसीना ने कहा था, "मैं कट्टरपंथियों की हिंसा में मरने वालों की संख्या को बढ़ने नहीं देना चाहती थी।"
"वे छात्रों के शवों के जरिए सत्ता हासिल करना चाहते थे। लेकिन मैंने पद छोड़कर ऐसा नहीं होने दिया।" इससे पहले साल 2021 में बांग्ला अखबारों में दावा किया गया था कि अमेरिका, बांग्लादेश से सेंट मार्टिन द्वीप की मांग कर रहा है। जिससे वह वहां मिलिट्री बेस बना सके।
प्रदर्शन मारे गए लोगों को हसीना ने दी श्रृ्द्धांजलि
हसीना ने अपने बयान में कहा कि "जुलाई से अब तक, आंदोलन के नाम पर बर्बरता, आगजनी और हिंसा में कई जिंदगियाँ खो चुकी हैं। छात्रों, शिक्षकों, पुलिसकर्मियों, यहाँ तक कि महिला पुलिसकर्मियों, पत्रकारों, सांस्कृतिक कार्यकर्ताओं, कामकाजी लोगों, अवामी लीग और सम्बद्ध संगठनों के नेताओं, कार्यकर्ताओं, राहगीरों और विभिन्न संस्थानों के श्रमिकों की आतंकवादी हमले में मौत हो गई। मैं उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करता हूँ और उनके प्रति संवेदना व्यक्त करती हूँ।"