युद्ध का चीन पर असर: इजराइल और हमास के बीच चल रहे युद्ध से ड्रैगन के मंसूबों पर फिरा पानी, जानिए क्या था चीन का मास्टर प्लान
- चीन के मास्टर प्लान पर फिरा पानी
- हमास और इजराइल के बीच जारी है जंग
- जारी जंग में अबतक करीब 4000 लोगों की जान जा चुकी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। इजराइल और हमास के बीच जारी युद्ध धीरे-धीरे विकराल रूप ले रहा है। 9 दिनों से चल रहे इस भीषण युद्ध में अब तक 4000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। इसी बीच चीन के मास्टर प्लान को लेकर भी चर्चा हो रही है। दरअसल, युद्ध से पहले चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने जून में फिलिस्तीन के राष्ट्रपति से भेंट की थी। साथ ही, इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतान्याहू को चीन दौरे के लिए औपचारिक तौर पर न्यौता भी भेजा था जिसे इजराइल के पीएम ने स्वीकार कर लिया था। जिसके बाद चीन को ऐसा लग रहा था कि वे पश्चिम एशिया में एक नया मुकाम हासिल करेगा। इससे पहले की चीन यह सपना पूरा करता मगर 7 अक्टूबर को हमास ने इजराइल पर हमला बोल दिया और चीन के मंसूबों पर पानी फेर दिया।
इस युद्ध के आरंभ होने बाद से इजरायली प्रधानमंत्री नेतान्याहू की चीन का दौरा भी रद्द हो गया जो इस महीने के आखिर में होने वाला था। वहीं, इजराइल और हमास के बीच चल रहे युद्ध में चीन की चुप्पी से इजराइल नाराज है। हालांकि, जानकारों का मानना है कि चीन अरब देशों से अपने संबंधों को सशक्त बनाकर भविष्य में लाभ उठा सकता है।
इजराइल और हमास युद्ध के संदर्भ में चीन की 'रेनमिन यूनिवर्सिटी ऑफ चाइना' में अंतरराष्ट्रीय संबंधों के प्रोफेसर शी यिनहोंग ने अपनी बात रखी है। उन्होंने कहा, ' युद्ध के चलते कुछ समय के लिए ही सही, चीन की पश्चिम एशिया योजना खटाई में पड़ गई है। इजराइल का पक्का समर्थक अमेरिका प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से शामिल है। चीन की सुनने वाला कौन है?'
एक सप्ताह पहले, चीन के राजनयिक झाई जून ने पश्चिम एशिया में फिलिस्तीन और मिस्त्र के आधिकारियों से फोन पर चर्चा की थी। बातचीत के दौरान उन्होंने युद्ध रोकने और फिलिस्तीनी लोगों के मानवीय हित पर विचार विमर्श करने की नसीहत दी थी। साथ ही चीनी राजनयिक ने यह भी कहा कि फिलिस्तीनी मुद्दे पर चीन कोई गरज नहीं गाठना चाहता है। चीन हमेशा से ही शांति, निष्पक्षता और न्याय के सिद्धांत को मानते आया है। उन्होंने आगे कहा कि चीन इस युद्ध को शांति और बातचीत के जरिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ काम करने के लिए आगे आना चाहता है।
फिलिस्तीन का पक्ष लेते हुए चीन के विदेश मंत्री वांग ने अपनी बात पर जोर देते हुए कहा कि फिलिस्तीन में लोगों के साथ न्याय नहीं हुआ। ब्राजील के राष्ट्रपति के एक सलाहकार से चर्चा करते हुए वांग ने आगे कहा कि इस जंग से एक बार फिर साबित हो गया कि फिलिस्तीन मुद्दे को वास्तविक शांति वार्ता और वैध अधिकारों को फिर से स्थापित कर सकता है। चीन हमेशा से ही दो-राष्ट्र समाधान को बढ़ावा देते आया है, जिससे फिलिस्तीन एक स्वतंत्र देश बनने में सक्षम हो सके।