आपत्तिजनक बयान: श्रम मंत्री सू मिंग चूं के आपत्तिजनक बयान पर ताइवान ने भारत से मांगी माफी
- पूर्वोत्तर भारत के ईसाई कामगारों को देंगे प्राथमिकता
- ताइवान की श्रम मंत्री सू मिंग चूं ने की नस्लभेदी टिप्पणी
- मंत्री ने दी सफाई, कहा- विविधता को दर्शाना चाहा
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। ताइवान की श्रम मंत्री सू मिंग चूं के द्वारा भारतीय लोगों को लेकर की गई नस्लभेदी टिप्पणी पर ताइवान ने आधिकारिक तौर पर भारत से माफी मांग ली है।बीते सोमवार को मंत्री ने भारत के साथ हुए श्रम करार पर चर्चा के दौरान कहा था कि ताइवान, भारत के पूर्वोत्तर के ईसाई कामगारों को प्राथमिकता देगा, क्योंकि वे रूप-रंग और खान-पान में ताइवानी लोगों से समानता रखते हैं। भारत ने ताइवान मंत्री के इस बयान को नस्लभेदी बताते हुए विरोध व्यक्त किया। इसके एक दिन बाद मंगलवार को ही ताइवान के विदेश मंत्रालय ने माफीनामा जारी किया है।
भारतीय आलोचनाओं के बाद मंगलवार को ताइवानी श्रम मंत्री चूं संसदीय सुनवाई में पेश हुईं ,जहां उन्होंने सोमवार को दिए अपने बयान पर खेद जताते हुए माफी मांगी है। आपको बता दें 17 फरवरी को भारत और ताइवान के बीच एक समझौता हुआ। इस समझौते के तहत लाखों भारतीय कामगार ताइवान जाएंगे, क्योंकि ताइवान इस वक्त उत्पादन, निर्माण और कृषि के क्षेत्र में कामगारों की तंगी से जूझ रहा है। करार के तहत भारतीय श्रमिकों की संख्या, उनका प्रशिक्षण और चयन ताइवान ही करेगा।
अमर उजाला के मुताबिक भारत- ताइवान के बीच श्रमिकों को लेकर हुए करार के सवाल पर मंत्री ने कहा पूर्वोत्तर भारत के श्रमिकों का रंग, खाने के तौर तरीके हमसे मिलते जुलते हैं, साथ ही वे हमारी तरह ही ईसाई धर्म में ज्यादा विश्वास रखते हैं। वे काम में निपुण भी हैं। अतः पहले पूर्वोत्तर के श्रमिकों को भर्ती किया जाएगा। उनके इस बयान की काफी आलोचना हो रही है।
ताइवान की सेंट्रल न्यूज एजेंसी के मुताबिक माफीनामे में मंत्री के बयान पर खेद व्यक्त किया है। ताइवान किसी भी प्रवासी कामगार या पेशेवर के साथ उसके रूप-रंग, जाति-धर्म, भाषा और खान-पान के आधार पर भेदभाव का पक्षधर नहीं है। इसके साथ ही ताइवान विदेश मंत्रालय ने भारत सरकार को भरोसा दिया कि ताइवान में सभी भारतीयों के साथ उचित व्यवहार किया जाएगा। पूर्वोत्तर के भारतीय श्रमिकों का पहला समूह अगले 6 माह में ताइवान में प्रवेश करेगा। यह विवाद उसस पहले की सामने आया।