अमेरिका प्रेसिडेंशियल इलेक्शन: महीनों से स्पेस में फंसी सुनीता विलियम्स होंगी वोटिंग में शामिल, धरती से करीब 400km की दूरी से डालेंगी मत, जानें क्या होगी प्रॉसेस
- डेविड ने पहली बार यूएस राष्ट्रपति चुनाव के लिए पहली बार स्पेस से की थी वोटिंग
- भरनी होगी फेडरल पोस्टकार्ड एप्लिकेशन
- 1997 से नासा यात्रियों के प्रक्रिया जारी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिका में 5 नवंबर को राष्ट्रपति पद के लिए इलेक्शन होने जा रहे हैं। इसी बीच भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री और इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (आईएसएस) कमांडर सुनीता विलियम्स अंतरिक्ष से ही इस चुनाव में हिस्सा लेंगी। कई महीनों से स्पेस में फंसी विलियम्स धरती से करीब 400 किलोमीटर की दूरी से मतदान करेंगी। आपको बता दें कि, ऐसा करने के लिए उन्हें एब्सेंटी बैलेट प्राप्त करना होगा जिसके लिए विलियम्स को फेडरल पोस्ट कार्ड एप्लिकेशन कंप्लीट करने की जरूरत पड़ेगी। इसके बाद जाकर वह आईएसएस के कंप्यूटर सिस्टम पर इलेक्ट्रॉनिक बैलेट भर पाएंगी।
वोट डालने की प्रक्रिया
स्पेस में फंसी इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) कमांडर को अंतरिक्ष से वोट डाले के लिए सबसे पहले फेडरल पोस्टकार्ड एप्लिकेशन फिल कर के एब्सेंटी बैलेट के लिए आग्रह करना होगा। जिसके बाद नासा (NASA) का मिशन कंट्रोल सेंटर विलियम्स को एक सुरक्षित इलेक्ट्रॉनिक बैलट भेजेगा। जिसके बाद ही वह मतदान में अपना योगदान दे पाएंगी।
अंतरिक्ष से वोटिंग का कानून
अमेरिका में नासा के एस्ट्रोनॉट्स के लिए अंतरिक्ष से वोट डाले का कानून है। इस कानून के तहत अगर कोई भी अंतरिक्ष यात्री स्पेस है तो भी उसे वोट डालने की अनुमति है। मालूम हो कि साल 1997 से ही एस्ट्रोनॉट्स के लिए यह प्रक्रिया शुरू हो गई थी। सुनीत विलियम्स पहली ऐसी यात्री नहीं हैं जो पहली बार स्पेस से मतदान करेंगी। डेविड वुल्फ ने अमेरिका राष्ट्रपति चुनाव के लिए पहली बार स्पेस से वोटिंग की थी। वहीं, साल 2020 में केट रुबिंन्स ने इसी प्रक्रिया का इस्तेमाल कर के अपना मत दिया।
कब है अमेरिका में प्रेसिडेंट इलेक्शन?
आपको बता दें कि, अमेरिका में 5 नवंबर को राष्ट्रपति चुनाव होने जा रहे हैं। 60वें प्रेसिडेंशियल इलेक्शन में डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से कमला हैरिस चुनावी मैदान में खड़ी हैं। वहीं हैरिस को बराबरी की टक्कर देने रिपब्लिकन पार्टी की तरफ से डोनाल्ड ट्रंप चुने गए हैं।