परमाणु युद्ध की तरफ बढ़ी रूस-यूक्रेन की जंग! रूसी रक्षा मंत्री के बयान से नाटो देशों में मची खलबली

  • बेलारूस में परमाणु हथियार तैनात करेगा रूस

Bhaskar Hindi
Update: 2023-05-26 14:33 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। करीब डेढ़ साल पहले शुरू हुई रूस- यूक्रेन की जंग खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। पिछले दिनों रूसी राष्ट्रपति पुतिन के आवास के पास हमले के बाद से दोनों देशों के बीच तनातनी और बढ़ गई है। दोनों ही देश एक दूसरे पर लगातार हमले कर रहे हैं। इस बीच ऐसी खबर आई है जिसने नाटो देशों को चिंता में डाल दिया है।

दरअसल, रूस के मित्र देश बेलारूस के रक्षा मंत्री से मुलाकात करने के बाद उनके रूसी समकक्ष सेरगे शोइगू ने बयान दिया है कि, 'पश्चिमी देश एकसाथ मिलकर रूस के खिलाफ अघोषित युद्ध छेड़ चुके हैं। ऐसे में रूस को अपनी सुरक्षा के लिए उचित कदम उठाने होंगे। इसी सिलसिले में हमने बेलारूस के साथ समझौता किया है, जिसके तहत हम अपने परमाणु हथियार उनके देश में तैनात करेंगे'। उनके मुताबिक हथियार तैनाती का यह काम अगले एक महीने में पूरा हो जाएगा। रूसी रक्षा मंत्री के इस बयान के बाद से जहां दोनों देशों के बीच परमाणु युद्ध होने की आशंका बढ़ गई है। 

शोइगू के मुताबिक जो मिसाइलें रूस ने बेलारूस को सौंपी हैं उनकी खासियत यह है कि उनके जरिए परंपरागत हथियार के साथ ही परमाणु को भी ले जाया जा सकता है। बता दें कि 1991 के बाद यह दूसरा मौका है जब रूस ने अपने देश के बाहर परमाणु हथियारों को तैनात करने का फैसला किया है।

किन देशों को हो सकता है खतरा?

रूसी रक्षा मंत्री के इस बयान के बाद अब रूस और बेलारूस की सीमा से लगे हुए नाटो देशों में थलबली मच गई है। दरअसल, रूस के इस कदम के बाद इन देशों के ऊपर परमाणु हमला होने का खतरा मंडराने लगा है। क्योंकि जहां एक तरफ बेलारूस से तीन नाटो देश अपनी सीमा साझा करते हैं वहीं दूसरी तरफ रूस की ढाई हजार किलोमीटर लंबी सीमा नाटो देशों से लगी हुई है। इन देशो में पोलैंड, लिथुआनिया, लाटविया, एस्टोनिया और फिनलैंड शामिल हैं। बेलारूस में रूसी परमाणु हथियारों की तैनाती के बाद अब इन देशों को अपने ऊपर परमाणु हमला होने का डर सताने लगा है। 

परमाणु हमले को लेकर पुतिन पहले ही कर चुके हैं आगाह

बता दें कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पहले भी कई मौकों पर कह चुके हैं कि, उनके देश के पास परमाणु हथियारों की कोई कमी नहीं है और जब बात उनके देश की सुरक्षा पर आएगी तो वह उन हथियारों का इस्तेमाल करने से पीछे नहीं हटेंगे।

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