रूस-यूक्रेन जंग: रूस ने एंटी-शिप मिसाइल से यूक्रेन पर किया हमला, राडार से पकड़ में नहीं आती ये मिसाइल
- मिसाइल से किसी को भी बना सकते हैं टारगेट
- दो साल से यूक्रेन पर मिसाइल दाग रहा है रूस
- इसके इस्तेमाल से कोलेटरल डैमेज का खतरा
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। रूस-यूक्रेन के बीच जारी जंग में रूस ने अपने सबसे शानदार बममार Tu-22M3 के जरिए यूक्रेन पर Kh-32 सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल से हमला किया। यह लंबी दूरी की एंटी-शिप मिसाइल है। इसका असली डिजाइन कोल्ड वॉर यानी शीत युद्ध के समय बनाया गया था। रूस ने इस मिसाइल को Kh-22 को अपग्रेड करके बनाया है। रूस 2016 से इस मिसाइल का इस्तेमाल कर रहा है। दुनिया में इस बात की चिंता है कि जो मिसाइल नौसैनिक टारगेट्स के लिए बनाई गई थी,रूस उसका इस्तेमाल जमीनी टारगेट्स को उड़ाने के लिए कर रहा है। इससे कोलेटरल डैमेज होने का खतरा ज्यादा रहता है।
रूस यूक्रेन पर हमला करने के साथ-साथ उससे सटी समुद्री सीमाओं पर भी नजर रखना चाहता है, ताकि वह देख सकें कि यूक्रेन की मदद करने आ रहे दूसरे देशों के जहाजों पर भी मिसाइल दागी जा सके। रूस ने सबसे पहले इस मिसाइल का इस्तेमाल साल 2022 में यूक्रेन में घुसपैठ के दौरान किया था।
निजी न्यूज चैनल आज तक ने लिखा है कि Kh-32 सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल पारंपरिक या परमाणु हमला करने में सक्षम है। परमाणु हथियार लगाने से इसकी रेंज 600 से 700 किलोमीटर रह जाती है। लेकिन आमतौर पर यह 1000 किलोमीटर से दूर जाती है। इसकी गति ही इसे सबसे ज्यादा खतरनाक बनाती है। यह 6200 km/hr की स्पीड से दुश्मन की तरफ बढ़ती है। मिसाइल में कई तरह के पेलोड्स लगे होने से रूस इसका इस्तेमाल कर रहा है। वॉरहेड से जहाज पर हमला कर सकते हैं। साथ ही एंटी-रेडिएशन पेलोड से दुश्मन के राडार को खत्म कर सकते है।
27 जून 2022 में इस मिसाइल से क्रेमेनचुक में एक शॉपिंग सेंटर ध्वस्त हो गया था। इसमें कई लोग मारे गए थे। 30 जून को भी शरविका में इसी मिसाइल से हमला किया गया। जिसमें काफी ज्यादा नुकसान हुआ था। यह मिसाइल दूरी के हिसाब से अपनी गति घटा या बढ़ा सकती है।