बांग्लादेश संकट: अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रही हिंसा के विरोध में भारत के साथ विदेशों में भी हो रहे प्रदर्शन, सड़कों पर उतरे हजारों हिंदू, ईसाई समुदाय ने किया सपोर्ट
- बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों को बनाया जा रहा निशाना
- हिंदूओं के खिलाफ हिंसा के अब तक 205 मामले सामने आए
- अमेरिका और कनाडा में सड़कों पर उतरा हिंदू समुदाय
डिजिटल डेस्क, भोपाल। बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद हिंसक प्रदर्शन अभी भी जारी हैं। उपद्रवियों द्वारा लगातार देश में हिंदुओं समेत दूसरे अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया जा रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के घर व दुकान जलाए जा रहे हैं, महिलाओं के साथ दरिंदगी की जा रही है और धार्मिक स्थलों को नुकसान पहुंचाया जा रहा है।
इस हिंसा के खिलाफ रविवार को कनाडा में हजारों हिंदुओं ने सड़कों पर विरोध प्रदर्शन किया। जिसमें हिंदूओं के अलावा ईसाई और यहूदी समुदाय के लोगों ने भी भाग लिया। टोरंटो में हुए इस विरोध प्रदर्शन में लोगों ने कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो से बांग्लादेश की अंतरिम सरकार पर हिंदुओं की सुरक्षा के लिए दबाव बनाने की मांग की।
बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों खासकर हिंदुओं के साथ हो रही हिंसा के विरोध में शनिवार को अमेरिका और ब्रिटेन में प्रदर्शन हुए। इस दौरान अमेरिका के न्यूयॉर्क और ब्रिटेन के लंदन में सैंकड़ों लोग सड़कों पर उतरे जमकर विरोध प्रदर्शन किया।
ब्रिटेन में हाउस ऑफ पार्लियामेंट के बाहर एकत्रित हुए हिंदू समुदाय के लोगों ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमले का विरोध किया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने 'हिंदू लाइफ मैटर्स' के नारे लगाए। इस प्रदर्शन में मानवाधिकार संगठन के सदस्यों के साथ ही अन्य लोगों ने भाग लिया। इसके अलावा न्यूयार्क स्थित यूएन हेडक्वार्टर के बाहर भी कई लोगों ने विरोध प्रदर्शन किए।
बता दें कि बांग्लादेश में हो रहे हिंसक प्रदर्शन और विकराल रूप लेते जा रहे हैं। हिंदूओं के खिलाफ हिंसा के अब तक 205 मामले सामने आ चुके हैं। हिंसाग्रस्त पड़ोसी मुल्क की अंतरिम सरकार में प्रधानमंत्री बने मोहम्मद यूनुस ने भी अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों की निंदा की है। उन्होंने कहा, "अल्पसंख्यकों पर हमले करना न माफ करने वाला अपराध है। देश में रह रहे हिंदू, ईसाई और बौद्ध समुदाय के लोगों की रक्षा करना देश के युवा वर्ग का फर्ज है।"