बांग्लादेश में फिर भड़की हिंसा!: पीएम शेख हसीना के इस्तीफे की मांग को लेकर सड़कों पर उतरे प्रदर्शनकारी, 72 लोगों की मौत, सरकार ने लगाया अनिश्चितकालीन कर्फ्यू

  • बांग्लादेश में फिर भड़की हिंसा की आग
  • पीएम शेख हसीना की मांग को लेकर सड़कों पर उतरे प्रदर्शकारी
  • 72 लोगों की हुई मौत

Bhaskar Hindi
Update: 2024-08-04 15:29 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश में एक बार फिर हिंसा का दौर शुरू हो गया है। प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे की मांग को लेकर छात्र आंदोलन संगठन की ओर से घोषित असहयोग आंदोलन किया जा रहा है। इसके पहले दिन यानी चार अगस्त (रविवार) को बड़ी संख्या में प्रदर्शकारी सड़कों पर उतर आए। जिसकी वजह से कई जगहों पर पुलिस और उनके बीच हिंसक झड़प हुईं।

न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक इन झड़पों में अब तक 72 लोगों की मौत हो गई है। जिनमें 14 पुलिसवाले शामिल हैं। वहीं 40 से ज्यादा लोग घायल हो गए हैं, जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

सरकार ने लगाया अनिश्चितकालीन कर्फ्यू

हिंसा पर काबू पाने के लिए गृह मंत्रालय ने शाम 6 बजे से देश में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगाने का फैसला लिया है। इसके साथ ही आगामी 3 दिनों के लिए सरकार ने छुट्टी की घोषणा कर दी है। हिंसा का असर राजधानी ढाका में सबसे ज्यादा दिखा, यही वजह है कि शेख हसीना सरकार ने यहां दुकानों और बैंकों को बंद करने का आदेश जारी किया है।

हिंसक भीड़ को कंट्रोल करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस और स्मोक ग्रेनेड का इस्तेमाल किया। वहीं सरकार के अगले आदेश तक देश में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। फेसबुक, वॉट्सऐप, इंस्टाग्राम और एक्स जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई है।

ये छात्र नहीं आतंकवादी हैं - पीएम शेख हसीना

वहीं रविवार को हुई नेशनल कमेटी ऑन सिक्योरिटी अफेयर्स की बैठक में प्रधानमंत्री ने हिंसा को लेकर कहा कि जो लोग प्रदर्शन कर रहे हैं वो छात्र नहीं बल्कि आतंकवादी हैं। उन्होंने देश के लोगों से प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए एकजुट होने की अपील की। मीटिंग में बांग्लादेश की पीएम के साथ तीनों सेनाओं के चीफ, पुलिस चीफ और टॉप सिक्योरिटी अफसर शामिल हुए थे।

इससे पहले प्रदर्शनकारियों ने सरकार के बातचीत के बातचीत के आह्वान को खारिज कर दिया। उन्होंने देश के लोगों से इस आंदोलन में शामिल होने की अपील की। बता दें कि देश में बढ़ती हिंसा को रोकने के लिए पीएम शेख हसीना ने प्रदर्शनकारियों को बातचीत का निमंत्रण भेजा था। 

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