पाकिस्तान में रईसी: पाकिस्तान के मंसूबो पर फिरा पानी, ईरान से भारत की करना चाहता था बुराई, हो गई खुद की बेइज्जती
- तीन दिन तक पाकिस्तान के दौरे पर ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी
- ईरान के सामने भारत की करना चाह रहा था बुराई
- पाकिस्तान की हो गई बेइज्जती
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। इजराइल से तनाव के बीच ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी तीन दिन तक पाकिस्तान के दौरे पर रहेंगे। इस दौरान पाकिस्तान एक बार फिर से अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आया। दरअसल, पाकिस्तान ने भारत के साथ कश्मीर मुद्दे पर ईरान का समर्थन मिलने पर उसका शुक्रिया अदा किया। इसके साथ ही पाकिस्तान ने ईरान से अपने रिश्तों को सदियों पुराना करार दिया। इस पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ का कहना है कि ईरान से पाकिस्तान के संबंध 76 साल से भी काफी ज्यादा सदियों पुराने हैं। उन्होंने कहा कि साल 1947 से अस्तित्व में आए पाकिस्तान का नाता ईरान से काफी पुराना रहा है। शहबाज शरीफ ने कहा कि जब पाकिस्तान का गठन हुआ था। तब उसे मान्यता देने वाले देशों में से सबसे पहले ईरान ने मान्यता दी थी।
ईरानी राष्ट्रपति को बताया जान-ए-बारदार
इतना ही नहीं, बल्कि प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने इब्राहिम रईसी को अपने बिरादरी का भाई कहा। इसके साथ ही उन्होंने ईरानी राष्ट्रपति को जान-ए-बारदार भी कहकर संबोधित किया। शहबाज ने कहा कि गाजा पट्टी में हो रहे नरसंहार को देखते हुए सबसे पहले ईरान ने इजराइल के खिलाफ आवाज उठाई थी। दुनिया से कोई भी देश आगे नहीं आया था। शहबाज शरीफ ने युद्ध के दौरान गाजा पट्टी में हुई 35 हजार फिलीस्तीनी नागरिकों की मौत को मुसलमानों का शहीद होना बताया है। इस दौरान पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने गाजा की आड़ में भारत पर कशमीर के मुद्दे को लेकर भी हमला बोला। उन्होंने कहा कि जिस तरह गाजा पट्टी में मुस्लिमों पर अत्याचार हो रहा है। ठीक वैसे ही भारत में रह रहे मुस्लिमों पर भी जुल्म ढाया जा रहा है। शहबाज शरीफ ने कहा कि भारत में मुसलमानों का कत्लेआम किया जा रहा है। इसके अलावा उन्होंने दुनिया के कई देशों में रह रहे मुसलमानों से एकता की मांग भी की।
ईरान ने किया नजरअंदाज
ईरान के राष्ट्रपति के दौरे के बावजूद पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आया। इस मौके पर पाकिस्तान ने ईरान का मुद्दा उठा लिया। इसे देखते हुए ईरान ने इस बात को नजरअंदाज कर दिया। ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी ने संबोधन के दौरान गाजा पर पाकिस्तान के समर्थन और इस्लामिक एकता के लिए धन्यवाद दिया। हालांकि, उन्होंने कश्मीर के मुद्दे को लेकर कोई जिक्र नहीं किया। इसी के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान पाकिस्तान का भारत के खिलाफ ईरानी राष्ट्रपति से कश्मीर के मुद्दे पर बुलवाने के मंसूबे पर पानी फिर गया। इब्राहिम रईसी ने दुनिया में मुसलमानों और इस्लामिक एकता को कायम रखने पर जोर तो दिया। मगर, कश्मीर मसले पर भारत के संबंध में कोई टिप्पणी नहीं की।