पाक में आतंकी साया: पाकिस्तान में TTP का बड़ा हमला, पुलिस चौकी को बनाया निशाना, 11 सैनिकों की हुई मौत
- पाकिस्तान में छाया आतंकियों का साया
- पुलिस चौकी पर किया हमला
- घटना में 11 सैनिक की मौत, 3 घायल
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पाकिस्तान एक बार फिर से आतंकी हमलों से दहल गया। मुल्क के डेरा इस्माइल खान के द्रबन में शुक्रवार को एक सुरक्षा चौकी पर आंतकी हमले का मामला सामने आया है। जानकारी के मुताबिक, इस हमले के बाद फ्रंटियर कोर समेत 11 पाकिस्तानी सैनिकों की मौत हो गई है। इसके अलावा 3 अन्य लोगों के घायल होने की खबर हैं। हालांकि, भविष्य में मृतकों के आंकड़े में इजाफा होने की भी उम्मीद जताई जा रही है। फ्रंटियर कांस्टेबुलरी क्षेत्र के पास यह चौकी थी। इस हमले को आंतकी संगठन टीटीपी ने अंजाम दिया है। इस बात की पुष्टि उन्होंने खुद की है।
पाक सेना ने चलाया सर्च ऑपरेशन
पाकिस्तानी मीडिया की खबर के अनुसार, इस हमले के तुरंत बाद जवानों की टुकड़ी फौरन घटनास्थल पर रवाना हई। इसके बाद सेना ने सर्ज ऑपरेशन के तहत आतंकियों को गिरफ्तार करने में जुट गई है। फिलहाल, सेना आतंकियों की तलाशी कर रही है। इस बारे में स्थानीय पुलिस और पाक सुरक्षा एजेंसियों ने बताया कि सैन्य बल इस मामले की जांच कर रहे हैं। पुलिस चौकी पर हमले की जिम्मेदारी तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) की ओर से ली गई है। पाकिस्तान में पहले भी टीटीपी इस तरह के आतंकी हमले करती आई है। पाकिस्तान सरकार शुरू से ही अफगानिस्तान की तालिबान सरकार पर टीटीपी को पनाह देना का आरोप लगाती रही है। इस मसले पर कई बार पाक-अफगानिस्तान के बीच तनाव भी देखा गया है।
सुन्नी इस्लामवादी के समर्थक है तालिबान
अफगानिस्तान की सत्ताधारी तालिबान सरकार असल में एक सुन्नी इस्लामवादी राष्ट्रवादी और पश्तून समर्थन आंदोलन है। साल 1990 में स्थापना की गई थी। यह तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान की शाखा के अंतर्गत आती है। इस लेकर पाकिस्तान का दावा है कि तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) का गठन पाकिस्तान की सेना के खिलाफ हुआ था। इस शाखा के तहत कई छोटे बड़े आतंकवादी संगठन आते हैं। पाकिस्तान में संघीय प्रशासित जनजातीय क्षेत्रों समेत खैबर पख्तूनख्वा क्षेत्र में पाक सरकार के प्रभाव को खत्म करने के लिए टीटीपी का गठन किया गया है।