पाकिस्तान में बाढ़ से हाहाकार, भारी बारिश ने उड़ाई शहबाज सरकार की नींद, पिछले साल जैसी स्थिति बनने का सता रहा डर
पिछले आई बाढ़ में हजारों लोगों ने गंवाई थी जान
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आर्थिक बदहाली की मार झेल रहे पाकिस्तान के लिए मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। यहां के कई शहरों में बाढ़ ने कहर बरपाया हुआ है। सबसे ज्यादा प्रभावित लाहौर शहर हुआ है। जहां लगातार हो रही बारिश से हालात बद से बदतर हो गए हैं। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, लाहौर में बीते 24 घंटे में हुई बारिश ने पिछले 30 सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। यहां केवल 10 घंटे के भीतर ही 290 मिमी यानी करीब 11 इंच बारिश हुई है। लाहौर में आई बाढ़ के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं।
सड़कें बनी तालाब
पंजाब प्रांत की राजधानी लाहौर में हो रही लगातार बारिश से सड़के तालाब बन गई हैं। जलभराव होने के चलते जहां सड़कें जाम हो गई हैं वहीं निचले इलाके में बने घरों और दफ्तरों में पानी भर गया है। जिस वजह से आम जनजीवन अस्त-वयस्त हो गया है। इस आसमानी आफत में अब तक 7 लोगों की मौत चुकी है। जबकि मौसम संबंधी घटनाओं में अब तक कुल 26 लोगों ने अपनी जान गंवाई है। पंजाब प्रांत सरकार के वरिष्ठ अधिकारी मोहसिन नकवी का कहना है कि बारिश के पानी को सड़कों से हटाने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आखिरी बार लाहौर में 30 साल पहले ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई थी।
शहबाज सरकार को सता रहा डर
बता दें कि हाल ही में पाकिस्तान मौसम विभाग ने देश के बड़े शहरों लाहौर, रावलपिंडी, इस्लामाबाद और पेशावर में भारी बारिश होने की आशंका जताई थी। विभाग का कहना था कि पिछले साल जैसे ही इस बार भी देश में भयानक बारिश होगी। जिसके बाद सरकार को देश के हालात पिछले साल जैसे होने का डर सता रहा है। जब बाढ़ और बारिश से देश में हाहाकार मच गई थी। इस दौरान देश का करीब एकतिहाई हिस्सा डूब गया था वहीं लगभग 17 सौ लोगों ने इस प्राकृतिक आपदा में अपनी जान गंवा दी थी। इतना ही नहीं करीब 10 लाख लोग अपने घरों से बेघर हो गए थे और लाखों मवेशी मारे गए थे। जानकारी के मुताबिक 2022 में आई बाढ़ की वजह से कंगाल पाकिस्तान को करीब 80 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था। बता दें कि पाकिस्तान दुनिया का 8 देश है जहां प्राकृतिक आपदा सबसे ज्यादा आती है।
पिछले साल जैसी स्थिति निर्मित न हो इसलिए सरकार द्वारा बड़े कदम उठाने का दावा किया जा रहा है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सरकार ने स्थिति पर निगरानी करने के लिए कंट्रोल रूम बनाए हैं और लोगों की मदद के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं।