स्टेडियम से बाहर निकलते माल्या को देखकर लोग चिल्लाने लगे चोर-चोर... देखें वीडियो
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- 9 हजार करोड़ की धोखाधड़ी का है आरोप
- ब्रिटेन की कोर्ट दे चुकी है प्रत्यर्पण की इजाजत
- माल्या ने लगाया था आरोप
- राजनीति का बनाया जा रहा शिकार
डिजिटल डेस्क, लंदन। भारत की बैंकों को हजारों करोड़ का चूना लगाने वाला भगौड़ा शराब कारोबारी विजय माल्या भी रविवार को लंदन के ओवल में इंडिया और ऑस्ट्रेलिया का मैच देखने पहुंचा था, मैच देखने के बाद वह जैसे ही स्टेडियम से बाहर निकला लोग चोर-चोर चिल्लाने लगे। लोगों की हूटिंग के बाद माल्या ने मीडिया से कहा कि इससे मेरी मां को काफी दुख पहुंचा होगा। माल्या ने कहा कि वो खेल देखने आया था और उसके केस की अगली सुनवाई जुलाई में है, जिसकी तैयारी चल रही है।
ब्रिटेन की वेस्टमिंस्टर कोर्ट ने भारत को माल्या के प्रत्यर्पण की इजाजत दे दी थी। ब्रिटेन की कोर्ट ने माल्या पर धोखाधड़ी और मनी लांड्रिंग के मामले दोषी पाया था। माल्या ने आरोप लगाया था कि उसे राजनीति का शिकार बनाया जा रहा है, हालांकि वह इस बात को साबित करने में नाकामयाब रहा। ब्रिटेन की कोर्ट ने 8 अप्रैल को विजय माल्या की उस याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें माल्या ने प्रत्यर्पण के खिलाफ ऊपरी अदालत में अपील करने की मांग की थी। बता दें कि भगौड़े शराब कारोबारी पर 9 हजार करोड़ रुपए की धोखाधड़ी का आरोप है।
#WATCH London, England: Vijay Mallya says, "I am making sure my mother doesn"t get hurt", as crowd shouts "Chor hai" while he leaves from the Oval after the match between India and Australia. pic.twitter.com/ft1nTm5m0i
— ANI (@ANI) June 9, 2019
इससे पहले माल्या ने अपने वकील के माध्यम से बांबे हाईकोर्ट में कहा था कि उसे भगौड़ा घोषित करना आर्थिक मृत्यु दंड देने जैसा है, उसे पिछले साल मुंबई की विशेष अदालत ने माल्या को भगौड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया था, इसके खिलाफ माल्या ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका में उसने ने भगौड़ा आर्थिक अपराधी कानून के कई प्रावधानों को चुनौती दीथी। इसके अलावा याचिका में माल्या ने कहा है कि विशेष अदालत के आदेश के बाद से प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उसकी संपत्ति जब्त करना शुरु कर दिया। एक तरह से निचली अदालत ने मुझे भगौड़ा आर्थिक अपराधी घोषित कर मुझे आर्थिक मृत्युदंड दे दिया है।
कोर्ट ने खारिज कर दी थी माल्या की दलील
माल्या के वकील देसाई ने खंडपीठ ने आग्रह किया था कि देशभर में मेरे मुवक्किल की संपत्ति जब्त करने की कार्रवाई पर रोक लगाई जाए, लेकिन खंडपीठ ने माल्या को किसी भी तरह की अंतरिम राहत देने से इंकार कर दिया था। इस दौरान ईडी की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता डीपी सिंह ने कहा था कि भगौड़ा आर्थिक अपराधी कानून बिल्कुल भी कठोर नहीं है। यह कानून जांच एजेंसी को खुद से कोई कार्रवाई करने से रोकता है। कोर्ट की अनुमति के बिना कोई भी कार्रवाई नहीं की जा सकती है। फिर चाहे संपत्ति को जब्त करने से जुड़ी कार्रवाई क्यों न हो।