थेरेसा का जलियावाला बाग हत्याकांड पर खेद, कहा- ब्रिटिश इतिहास का शर्मनाक धब्बा
थेरेसा का जलियावाला बाग हत्याकांड पर खेद, कहा- ब्रिटिश इतिहास का शर्मनाक धब्बा
- थेरेसा ने इसे इसे ब्रिटिश भारतीय इतिहास के लिए शर्मनाक धब्बा बताया।
- ब्रिटिश प्रधानमंत्री थेरेसा मे ने बुधवार को भारत में 1919 में हुए जलियांवाला बाग हत्याकांड के लिए खेद व्यक्त किया।
- मुख्य विपक्षी लेबर पार्टी के नेता जेरेमी कॉर्बिन ने संसद में पीएम से इस घटना पर पूर्ण स्पष्ट और विस्तृत माफी की मांग की।
डिजिटल डेस्क, लंदन। ब्रिटिश प्रधानमंत्री थेरेसा मे ने बुधवार को भारत में 1919 में हुए जलियांवाला बाग हत्याकांड के लिए खेद व्यक्त किया और इसे ब्रिटिश भारतीय इतिहास के लिए शर्मनाक धब्बा बताया। हालांकि उन्होंने पूर्ण माफी नहीं मांगी। इस पर मुख्य विपक्षी लेबर पार्टी के नेता जेरेमी कॉर्बिन ने संसद में पीएम से इस घटना पर पूर्ण स्पष्ट और विस्तृत माफी की मांग की।
थेरेसा मे ने संसद में कहा, "जलियावाला बाग में जो हुआ और इससे जो कष्ट पैदा हुआ उसके लिए हमें गहरा अफसोस है।"उन्होंने कहा, "1919 की जालियांवाला बाग त्रासदी ब्रिटिश-भारतीय इतिहास के लिए शर्मनाक धब्बा है। जैसा कि महारानी एलिजाबेथ द्वितीय ने 1997 में जालियांवाला बाग जाने से पहले कहा था कि यह भारत के साथ हमारे बीते हुए इतिहास का दुखद उदाहरण है।" थेरेसा ने कहा, "मुझे खुशी है कि आज ब्रिटेन-भारत के संबंध काफी अच्छे हैं। भारतीय प्रवासियों का ब्रिटिश समाज में बहुत बड़ा योगदान हैं और मुझे यकीन है कि पूरा सदन ये चाहता है कि भारत के साथ ब्रिटेन के संबंध आगे भी ऐसे ही बढ़ते रहें।
थेरेसा का ये बयान संसद के वेस्टमिंस्टर हॉल में सांसदों के बीच 13 अप्रैल, 1919 के नरसंहार के लिए औपचारिक माफी के मुद्दे पर की गई बहस के बाद आया है। कंजर्वेटिव पार्टी के सांसद बॉब ब्लैकमैन ने इस मुद्दे को बहस के लिए टेबल पर रखा था और इसे शर्मनाक बताते हुए ब्रिटिश सरकार से माफी मांगने के लिए कहा था।
बता दें कि 13 अप्रैल 1919 को अमृतसर में स्वर्ण मंदिर के पास स्थित जलियांवाला बाग में यह घटना हुई थी। लोग रॉलेट ऐक्ट का विरोध करने के लिए जुटे थे जिनपर ब्रिटिश अधिकारी जनरल डायर ने गोलियां चलवा दी थीं। घटना में 400 से अधिक निर्दोषों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी और 2000 से अधिक लोग घायल हुए थे। शनिवार को इस घटना को 100 साल पूरी हो जाएंगे।