अफगानिस्तान में हो सकता है गृह युद्ध, तालिबान शासन विरोधी गुटों के जारी है छापेमार हमले
अफगानिस्तान अफगानिस्तान में हो सकता है गृह युद्ध, तालिबान शासन विरोधी गुटों के जारी है छापेमार हमले
- एनआरएफ से तालिबान को सबसे ज्यादा खतरा
डिजिटल डेस्क, काबुल। तालिबान शासित अफगानिस्तान में एक बार फिर गृह युद्ध होने की आशंका जताई जा रही है। इसके पीछे तालिबान विरोधी गुटों का हाथ बताया जा रहा है। हाल ही में अफगानिस्तान के काबुल से सौ किलोमीटर दूर पंजशीर इलाके में कुछ हमले होने की खबरें प्रमुखता से सुर्खियों में छायी रही, जिससे अंदेशा लगाया जा रहा है कि एक बार फिर अफगानिस्तान में गृह युद्ध जैसी स्थिति बन सकती है। वैसे आपको बता दें पंजशीर इलाके को तालिबान का कट्टर विरोधी माना जाता है , जहां आईएसआईएस-के और एनआरएफ जैसे तालिबान विरोधी गुट सक्रिय हैं। हालांकि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की एक रिपोर्ट के मुताबिक तालिबान को सबसे ज्यादा खतरा एनआरएफ से बताया जाता है।
यूएन के द्वारा अप्रैल में जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक एनआरएफ ने बदखशान, बघलान, जोव्जजान, खुंदुज, पंजशीर, तखर और समनगान इलाकों में अपनी गतिविधियां तेज कर दी हैं। इसकी वजह से वहां तालिबान ने भी आक्रामक रुख अपना लिया है। इसके साथ कई और छोटे मोटे गुट तालिबान के खिलाफ सक्रिय है जो तालिबान को चैलेंज कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि इन सभी गुटों ने काउंसिल ऑफ नेशनल रेजिस्टेंस अगेंस्ट तालिबान नाम का मोर्चा बनाने का निर्णय लिया है।
जानकारी के मुताबिक नेशनल रेजिस्टेंस फ्रंट नाम से बने इस तालिबान विरोधी गुट को अभी तक कोई खास सफलता नहीं मिल पाई है। एक और कट्टर इस्लामी संगठन आईएसआईएस -के को भी तालिबान विरोधी संगठन माना जाता है, जो लगातार तालिबान के ठिकानों पर हमले करता रहा है। हालांकि तालिबान एनआरएफ के हमलों से मनाई करता रहा है लेकिन एनआरएफ के साथ साथ स्थानीय लोगों का मानना है कि तालिबान पर एनआरएफ के हमले भारी तादाद में हो रहे है। इससे पहले एनआरएफ ने तालिबान के विरूद्ध जंग छेड़ने की बात भी कही थी।