अफगान सरकार शांतिपूर्ण तरीके से सत्ता ट्रांसफर को तैयार, राष्ट्रपति गनी और उपराष्ट्रपति सालेह ने देश छोड़ा

Afghanistan अफगान सरकार शांतिपूर्ण तरीके से सत्ता ट्रांसफर को तैयार, राष्ट्रपति गनी और उपराष्ट्रपति सालेह ने देश छोड़ा

Bhaskar Hindi
Update: 2021-08-15 06:11 GMT
अफगान सरकार शांतिपूर्ण तरीके से सत्ता ट्रांसफर को तैयार, राष्ट्रपति गनी और उपराष्ट्रपति सालेह ने देश छोड़ा
हाईलाइट
  • अब राजधानी काबुल का संपर्क पूर्व से पूरी तरह से कट गया
  • आतंकवादियों ने रविवार तड़के ऑनलाइन तस्वीरें पोस्ट कीं
  • तालिबान ने बिना किसी लड़ाई के जलालाबाद पर कब्जा कर लिया

डिजिटल डेस्क, काबुल। तालिबान ने अफगानिस्तान पर मजबूत पकड़ हासिल कर ली है। तालिबानी आतंकी अब राजधानी काबुल के बाहरी इलाके में घुस गए हैं। कई बार छिटपुट गोलियों की आवाज सुनाई दी। ऐसे में अफगान सरकार तालिबान से समझौता करने को तैयार हो गई है। अफगानिस्तान के कार्यवाहक गृहमंत्री अब्दुल सत्तार मीरजकवाल ने कहा कि तालिबान काबुल पर हमला नहीं करने के लिए राजी हो गया है। शांतिपूर्ण तरीके सत्ता का ट्रांसफर होगा।

वहीं राष्ट्रपति अशरफ गनी और उपराष्ट्रपति अमीरुल्ला सालेह ने देश छोड़ दिया है। तालिबान से जुड़े सूत्रों के मुताबिक मुल्ला बरादर अखंद अंतरिम सरकार का प्रमुख हो सकता है। मुल्ला बरादर अभी कतर में हैं और दोहा स्थित दफ्तर का राजनीतिक प्रमुख हैं।

तालिबान ने कहा, "काबुल को बलपूर्वक हासिल नहीं किया जाएगा। किसी की जान, संपत्ति और सम्मान को नुकसान नहीं होगा और काबुल के नागरिकों की जान को कोई खतरा नहीं होगा।" तालिबान ने काबुल की बगराम जेल के बाद पुल-ए-चरखी जेल को भी तोड़ दिया है और करीब 5 हजार कैदियों को छुड़ा लिया है। पुल-ए-चरखी अफगानिस्तान की सबसे बड़ी जेल है। यहां तालिबान के लड़ाके बंद थे।

तालिबान के प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने कतर के अल-जज़ीरा न्यूज चैनल को बताया कि विद्रोही काबुल शहर के शांतिपूर्ण हस्तांतरण की प्रतीक्षा कर रहे हैं। शाहीन ने अपने बलों और सरकार के बीच किसी भी संभावित वार्ता पर विशेष पेशकश करने से इनकार कर दिया।

लेकिन जब इस पर दबाव डाला गया कि तालिबान किस तरह का समझौता चाहता है, तो शाहीन ने स्वीकार किया कि वे केंद्र सरकार द्वारा बिना शर्त आत्मसमर्पण की मांग कर रहे हैं। एक अफगान अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, यह स्पष्ट नहीं है कि यह ट्रांसफर कब होगा।

तालिबानी नेगोशिएटर रविवार को ट्रांसफर पर चर्चा करने के लिए राष्ट्रपति भवन पहुंचे। एक अधिकारी ने बताया कि सरकारी पक्ष के वार्ताकारों में पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई और अफगान राष्ट्रीय सुलह परिषद के प्रमुख अब्दुल्ला अब्दुल्ला शामिल है। अब्दुल्ला लंबे समय से राष्ट्रपति अशरफ गनी के मुखर आलोचक रहे हैं, जिन्होंने तालिबान के साथ समझौता करने के लिए सत्ता छोड़ने से इनकार कर दिया था।

 

इससे पहले तालिबानियों ने बिना किसी लड़ाई के जलालाबाद पर कब्जा कर लिया था। इस कब्जे के साथ राजधानी काबुल का संपर्क पूर्व से पूरी तरह से कट गया है। अब तालिबानियों के लिए अफगानिस्तान को पाकिस्तान से जोड़ने वाली सड़कें सुरक्षित हो गईं हैं। आतंकवादियों ने रविवार तड़के ऑनलाइन तस्वीरें पोस्ट कीं, जिसमें नह नंगरहार प्रांत की राजधानी जलालाबाद में गवर्नर ऑफिस में दिखाई दे रहे हैं। 

सबसे बड़े शहर मजार-ए-शरीफ पर कब्जा
इससे पहले शनिवार को तालिबानियों ने देश के चौथा सबसे बड़े शहर मजार-ए-शरीफ पर कब्जा कर लिया। मजार-ए-शरीफ को बचाने की जिम्मेदारी राष्ट्रपति गनी ने अफगान फोर्स और दो ताकतवर वॉरलॉर्ड अट्टा मोहम्मद नूर और अब्दुल रशीद दोस्तम को सौंपी थी, लेकिन उन्होंने इसका कंट्रोल तालिबानियों को सौंप दिया। प्रांतीय अधिकारियों ने कहा कि सुरक्षा बल उत्तर में लगभग 80 किमी दूर पड़ोसी उज्बेकिस्तान के लिए हाईवे से भाग निकले। सोशल मीडिया पर असत्यापित वीडियो में अफगान सेना के वाहनों और वर्दी में पुरुषों को अफगान शहर हेरातन और उज्बेकिस्तान के बीच लोहे के पुल पर देखा जा सकता है। 

तालिबान के दमनकारी शासन के वापसी से डरे कई अफगानी
तालिबान के दमनकारी शासन के वापसी से कई अफगानी डरे हुए हैं। तालिबान ने पहले जब अफगानिस्तान पर शासन किया था तो कठोर इस्लामिक कानून लागू किए थे। इन कानूनों में महिलाओं को काम करने या स्कूल जाने की आजादी नहीं है। किसी मेल रिलेटिव के बिना कोई महिला अपने घर से बाहर भी नहीं जा सकती। देश की कुछ महिला डिस्ट्रिक्ट गवर्नरों में से एक, सलीमा मजारी ने शनिवार को मजार-ए-शरीफ से एक इंटरव्यू में कहा कि "तालिबान के शासन में महिलाओं के लिए कोई जगह नहीं है। तालिबान के नियंत्रण वाले प्रांतों में अब कोई भी महिला मौजूद नहीं है, यहां तक कि शहरों में भी नहीं। वे सभी अपने घरों में कैद हैं।"

क्या कहा था तालिबान ने?
शनिवार देर रात एक बयान में तालिबान ने जोर देकर कहा कि उसके लड़ाके लोगों के घरों में प्रवेश नहीं करेंगे। व्यवसायों में भी हस्तक्षेप नहीं करेंगे। तालिबान ने यह भी कहा कि वे अफगान सरकार या विदेशी बलों के साथ काम करने वालों को माफी की पेशकश करेंगे। आतंकवादियों ने कहा, "इस्लामिक अमीरात एक बार फिर अपने सभी नागरिकों को आश्वासन देता है कि वह हमेशा की तरह, उनके जीवन, संपत्ति और सम्मान की रक्षा करेगा और अपने प्रिय राष्ट्र के लिए एक शांतिपूर्ण और सुरक्षित वातावरण तैयार करेगा। इस संबंध में, किसी को भी अपने जीवन की चिंता नहीं करनी चाहिए।"
 

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