तालिबान ने महिलाओं के लिए बुर्का पहनना किया अनिवार्य, विरोध में महिलाएं सड़कों पर उतरीं
अफगानिस्तान में महिलाओं का उत्पीड़न तालिबान ने महिलाओं के लिए बुर्का पहनना किया अनिवार्य, विरोध में महिलाएं सड़कों पर उतरीं
- सार्वजनिक रूप से बुर्का पहनना अनिवार्य हुआ
डिजिटल डेस्क, काबुल। अफगानिस्तान में सत्ता पर काबिज होने के बाद तालिबान वहां की महिलाओं पर तरह-तरह की पाबंदियों को लेकर खबरों में बना रहता है। कभी अफगानी महिलाओं की शिक्षा तो कभी बुर्का पहनने के फरमान को लेकर महिलाओं का उत्पीड़न किया जा रहा है।
हाल ही में अफगानिस्तान में तालिबान ने वहां की महिलाओं को बुर्का पहनना अनिवार्य कर दिया है। जिसके विरोध में महिलाओं ने मोर्चा खोल दिया है। महिलाएं नए बुर्का फरमान का विरोध करने के लिए सड़कों पर उतर गई हैं। तालिबानी क्रूरता के खिलाफ अफगान महिलाएं जान की परवाह किए बगैर उनके हर फैसले का डट कर विरोध कर रही हैं।
तालिबान ने सुनाया था फरमान
तालिबान ने एक नया फरमान सुनाकर अफगान महिलाओं की मुसीबत बढ़ा दी है। तालिबान ने अपने फरमान में सार्वजनिक रूप से बुर्का पहनना अनिवार्य कर दिया है। तालिबानी सत्ता में महिलाओं के ऊपर इससे पहले भी कई तरह की पाबंदियां लगाई है। जिसमें अकेले यात्रा करना, को एजुकेशन जैसी पाबंदियां भी शामिल हैं। तालिबान पुरूषों को भी इस्लामिक कानून के तहत कपड़े पहनने का फरमान जारी किया है। तालिबानी कानून के खिलाफ महिलाएं तो सड़कों पर उतर आईं हैं। तालिबानी फरमान का जमकर विरोध कर रही हैं।
तालिबान ने दी जान से मारने की धमकी
तालिबान के तुगलकी फरमान का विरोध कर रही महिलाओं को जान से मारने की धमकी मिल रही है। तालीबान की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि 30 राउंड तक गोली चलाई जा सकती है। उधर सामाजिक कार्यकर्ता को धमकाने की आलोचना पूरी दुनिया में हो रही है। गौरतलब है कि तालिबान की धमकी के बाद भी महिलाओं ने मंगलवार को राजधानी की सड़कों पर मार्च निकाला और न्याय की मांग की है।
अफगान महिलाएं स्कार्फ पहनती हैं
तालिबानी फरमान के खिलाफ प्रदर्शन कर रही एक महिला ने कहा कि तालिबान हमारे साथ गलत व्यवहार कर रहा है। उन्होंने कहा कि अगर हम एक कदम बढ़ते हैं तो हम पर 30 राउंड फायर करेंगे। गौरतलब है कि 7 मई को तालिबान ने आदेश जारी कर कहा कि महिलाओं को सार्वजनिक जगहों पर बुर्का पहनना होगा। अधिकांश अफगान महिलाएं सिर पर स्कार्फ बांधती हैं। हालांकि काबुल जैसे क्षेत्रों में कई महिलाएं बुर्का नहीं पहनती हैं।