वायरस के संपर्क में आने के 2 दिन बाद दिखाई देने लगते हैं कोविड के लक्षण

शोध वायरस के संपर्क में आने के 2 दिन बाद दिखाई देने लगते हैं कोविड के लक्षण

Bhaskar Hindi
Update: 2022-02-03 17:00 GMT
वायरस के संपर्क में आने के 2 दिन बाद दिखाई देने लगते हैं कोविड के लक्षण
हाईलाइट
  • वायरस के संपर्क में आने के 2 दिन बाद दिखाई देने लगते हैं कोविड के लक्षण : शोध

डिजिटल डेस्क, लंदन। सार्स-सीओवी-2 वायरस के संपर्क में आने के 42 घंटे बाद कोविड-19 संक्रमण के लक्षण दिखाई देते हैं। इससे पहले जो इस बारे में जो आकलन किया गया था, यह रफ्तार उससे अधिक है। एक शोध में में यह खुलासा हुआ है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मुताबिक, संक्रमण के बाद कोविड के लक्षण दिखने में करीब पांच से छह दिन लगते हैं। लेकिन इंपीरियल कॉलेज लंदन के शोधकर्ताओं के नेतृत्व में किए गए अध्ययन से पता चला है कि वायरस के संपर्क में आने के लगभग दो दिन बाद लक्षण बहुत तेजी से विकसित होने लगते हैं।

संक्रमण सबसे पहले गले में प्रकट होता है, संक्रामक वायरस संक्रमण के लगभग पांच दिनों में चरम पर होता है और उस स्तर पर गले की तुलना में नाक में काफी अधिक मात्रा में होता है। प्री-प्रिंट सर्वर पर प्रकाशित निष्कर्षों से यह भी पता चला है कि वायरस पहले गले में पाया गया, नाक की तुलना में काफी पहले (नाक में 58 घंटे की तुलना में गले में 40 घंटे) वायरस की पुष्टि हुई। हालांकि अभी तक इस शोध की पूर्ण समीक्षा की जानी बाकी है। शोध के अनुसार, वायरस का स्तर पहले कम दिखाई दिया और गले में जाने पर यह जल्द ही चरम पर दिखाई दिया।

गले की तुलना में नाक में वायरस का चरम स्तर काफी अधिक पाया गया। यह मुंह की अपेक्षा नाक से वायरस के संभावित रूप से अधिक जोखिम का संकेत देता है। शोधकर्ताओं ने कहा कि यह मुंह और नाक दोनों को ढंकने के लिए उचित फेस मास्क के महत्व पर प्रकाश डालता है। टीम ने यह भी पाया कि पाश्र्व प्रवाह परीक्षण (एलएफटी) एक आश्वस्त रूप से विश्वसनीय संकेतक हैं कि क्या संक्रामक वायरस मौजूद है (अर्थात, क्या वे अन्य लोगों को वायरस संचारित करने में सक्षम होने की संभावना है)।

हालांकि, संक्रमण की शुरुआत और अंत में वायरस के निचले स्तर को लेने में एलएफटी परीक्षण कम प्रभावी थे। इंपीरियल कॉलेज में संक्रामक रोग विभाग और संक्रमण संस्थान में विशेषज्ञ क्रिस्टोफर चिउ ने कहा, हमारे अध्ययन से कुछ बहुत ही दिलचस्प नैदानिक अंतर्दृष्टि का पता चला है। परीक्षण में, 18-30 वर्ष की आयु के 36 स्वस्थ पुरुष और महिला स्वयंसेवकों ने हिस्सा लिया। विश्व के विभिन्न स्थानों पर हुए तमाम अध्ययनों से वायरस से बचने और गंभीर परिणामों से बचने के लिए मास्क पहनने और सामाजिक दूरी अपनाने के साथ ही वैक्सीन की उपयोगिता साबित हुई है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, केंद्र सरकार द्वारा अब तक वैक्सीन की 165.02 करोड़ से अधिक खुराकें राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सरकारी स्रोत यानी और राज्यों द्वारा सीधी खरीद प्रक्रिया के जरिये प्रदान की गई हैं। राज्यों के पास वैक्सीन की 11.07 करोड़ से अधिक अतिरिक्त और बिना इस्तेमाल की हुई खुराकें मौजूद हैं, जो दी जानी हैं।

आईएएनएस

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