रूस ने किया तालिबान का समर्थन, कहा- तालिबान के राज में काबुल की स्थिति गनी के नेतृत्व वाली सरकार की तुलना में बेहतर

Afghanistan रूस ने किया तालिबान का समर्थन, कहा- तालिबान के राज में काबुल की स्थिति गनी के नेतृत्व वाली सरकार की तुलना में बेहतर

Bhaskar Hindi
Update: 2021-08-17 12:13 GMT
रूस ने किया तालिबान का समर्थन, कहा- तालिबान के राज में काबुल की स्थिति गनी के नेतृत्व वाली सरकार की तुलना में बेहतर
हाईलाइट
  • अफगानिस्तान पर तलिबान के अवैध कब्जे का रूस ने समर्थन किया
  • अशरफ गनी के नेतृत्व वाली अफगानिस्तान सरकार से तुलना की
  • कहा- तालिबान का राज में काबुल की स्थिति बेहतर

डिजिटल डेस्क, मॉस्को। अफगानिस्तान पर तलिबान के अवैध कब्जे का जहां ज्यादातर देश विरोध कर रहे हैं तो वहीं कुछ देश है जिन्होंने इसका समर्थन किया है। इसमें रूस भी शामिल है। अफगानिस्तान में रूसी राजदूत दिमित्री झिरनोव के हवाले से मॉस्को के एको रेडियो स्टेशन ने बताया कि "तालिबान के राज में काबुल की जो स्थिति है वो अशरफ गनी के नेतृत्व वाली अफगानिस्तान सरकार की तुलना में बेहतर है।" 

तालिबानियों को मास्को का स्पष्ट समर्थन आतंकी संगठन के साथ संबंध स्थापित करने का संकेत है। वरिष्ठ राजनयिक के अनुसार, काबुल में प्रवेश करते समय तालिबान निहत्थे थे। इसके अलावा, उन्होंने तुरंत विदेशी राजनयिक मिशनों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का वादा किया। ज़िरनोव ने कहा कि सोमवार सुबह तालिबान ने लोगों को हॉटलाइन नंबर दिए ताकि अगर को लुटेरा, अपराधी या डाकु हमला करता है, तो वे तालिबान को बुला सकते हैं। रूसी राजदूत के अनुसार, काबुल में स्थिति "शांत और अच्छी" है।

रूस के विदेश मंत्रालय ने सोमवार को एक बयान में कहा कि मास्को ने रूसी राजनयिक मिशनों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए काबुल के नए अधिकारियों के साथ कामकाजी संपर्क स्थापित किया है। रूसी समाचार एजेंसी TASS के अनुसार, 14 फरवरी, 2003 को रूसी सुप्रीम कोर्ट ने तालिबान को एक आतंकवादी संगठन घोषित किया था। इसके बावजूद रूस अब तालिबान के साथ रिश्ते स्थापित करने की कोशिश कर रहा है।

बता दें कि अमेरिका समर्थित अशरफ गनी सरकार के पतन के बाद तालिबान विद्रोहियों ने रविवार को काबुल पर कब्जा कर लिया, जिसके बाद राष्ट्रपति को देश छोड़कर भागना पड़ा। उधर, तालिबान के प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने सोमवार को एक ट्वीट में कहा, "हम सभी राजनयिकों, दूतावासों, वाणिज्य दूतावासों और चैरिटेबल वर्कर्स को आश्वस्त करते हैं, चाहे वे अंतर्राष्ट्रीय हों या राष्ट्रीय। इस्लामिक अमीरात ऑफ़ अफ़ग़ानिस्तान (IEA) की ओर से उन्हें कोई समस्या पैदा नहीं की जाएगी। उनके लिए एक सुरक्षित वातावरण प्रदान किया जाएगा।"

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