राजधानी कीव के गांव पर कब्जा जमाने वाला था रुस, यूक्रेनी सेना के इस कदम से फेल हुआ प्लान, लौटना पड़ा खाली हाथ!
रूस-यूक्रेन युद्ध राजधानी कीव के गांव पर कब्जा जमाने वाला था रुस, यूक्रेनी सेना के इस कदम से फेल हुआ प्लान, लौटना पड़ा खाली हाथ!
- रुसी टैंक और सैनिक गांव की सीमा में प्रवेश करने में असमर्थ हुए
डिजिटल डेस्क, कीव। रुस और यूक्रेन के बीच बीते कई दिनों से युद्ध चल रहा है। रूसी सेना यूक्रेन के अलग-अलग हिस्सों पर कब्जा जमाने के प्रयास में लगी हुई है। इसी कड़ी में रुसी सेना द्वारा राजधानी कीव के उत्तरी दिशा पर बसे एक छोटे से गांव पर कब्जा करने की पूरी तैयारी की जा चुकी थी, लेकिन यूक्रेनी सेना के मास्टर प्लान ने उसकी इस योजना को सफल न होने दिया।
दरअसल, रुसी सेना यूक्रेन की राजधानी कीव के पास बसे जिस गांव पर अधिकार करने की फिराक में थी। वहां वह बाढ़ की वजह से अपने इस प्लान में कामयाब नहीं हो सकी, क्योंकि यूक्रेन की सेना ने डेमीडिव में युद्ध की शुरुआत के समय ही इरपिन नदी पर बने बांध के दरवाजे खोल दिये, जिससे आसपास का इलाका जलमग्न हो गया, जिस वजह से रुसी टैंक और सैनिक गांव की सीमा में प्रवेश करने में असमर्थ हो गए।
बाढ़ बनी वरदान
वैसे तो आमतौर पर बाढ़ को आफत के रुप में जाना जाता है। लेकिन गांव के लोगों के लिए वरदान साबित हुई। बाढ़ का पानी भरने से जरुर पूरा इलाका दलदली और जलमग्न हो गया। लेकिन इस वजह से रूसी सैनिक और टैंक भी आगे बढ़ने में असमर्थ हो गये। उन्हें निराश होकर लौटना पड़ा। इस तरह गांव रुसी कब्जे का शिकार होने से बच गया।
बाढ़ पर बोले स्थानीय लोग
इरपिन नदी पर बने इस बांध के एक दरवाजे खोलने पर गांव व उसके आसपास का इलाके में पानी भर गया। हजारों एकड़ जमीन बाढ़ की चपेट में आ गई। लोगों के खेत में लगी खड़ी फसल नष्ट हो गई। बांध के गेट खोले जाने वाली घटना को दो महिने का समय बीत जाने के बाद भी क्षेत्र में बाढ़ जैसे हालात बने हुए हैं। बाढ़ से हुए नुकसान पर बात करते हुए गांव के स्थानीय लोग कहते हैं कि, हम यह जानते हैं कि 'हमें बाढ़ से बहुत नुकसान हुआ है लेकिन, अगर रुसी सेना नदी को पारकर कीव चली जाती तो वो इससे बड़ा नुकसान होता।
एक अन्य स्थानीय के अनुसार, पिछले दो महीने से बाढ़ में खेत, अनाज सब डूब गए जिससे हमारे सामने अन्न -जल की समस्या उत्पन्न हो गयी, लेकिन इस समय ज्यादा महत्वपूर्ण यह है कि इस बाढ़ ने हमें रुसी कब्जे से बचा लिया।' इलाके में अभी भी पानी होने की दशा में लोग नाव के द्वारा आवागमन कर रहे हैं साथ ही आसपास सूखी जमीन को ढ़ूढ़कर उसमें फूल सब्जियां उगाने का इंतजाम कर रहे हैं।
गौरतलब है कि रुस-यूक्रेन के बीच बीती 24 फरवरी से युद्ध चालू है। रुस के हमलों में यूक्रेन के कई शहर तबाह हो चुके हैं। इन हमलों में अब तक हजारों लोग मारे गए हैं, जबकि लाखों हमले के डर से देश छोड़ चुके हैं। यूएन की एक रिपोर्ट के अनुसार अब तक 60 लाख से ज्यादा लोग यूक्रेन छोड़ चुके हैं।