रूस ने मिसाइल उड़ान क्षमता में दुनिया को दिखाई ताकत
हाइपरसोनिक रूस ने मिसाइल उड़ान क्षमता में दुनिया को दिखाई ताकत
डिजिटल डेस्क:नई दिल्ली।
रूस पहली बार पनडुब्बी से हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल का परीक्षण करने में सफल हुआ है। जिसे रूस की बड़ी कामयाबी माना जा रहा है। रूस रक्षा मंत्रालय ने बताया कि जिरकॉन मिसाइल को सेवरोडविंस्क पनडुब्बी से प्रक्षेपित किया गया है। जिसने बेरिंट सागर के तट पर एक लक्ष्य भेद दिया। मिसाइल लॉंच पर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने खुशी प्रकट करते हुए इसे नई पीढ़ी का हथियार बताया है। ये पहली बार हुआ है जब रूस ने किसी मिसाइल का परीक्षण पनडुब्बी से किया है। हालांकि इससे पहले अमेरिका ने भी टेस्टिंग कर चुका है। राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि ये हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल ध्वनि की रफ्तार से नौ गुना ज्यादा तेजी से उड़ान भर सकती है। एक रिपोर्ट के मुताबिक मिसाइल के सभी परीक्षण कर रूस इसे साल 2022 तक अपनी नौसेना में शामिल कर सकता हैं।
ताकतवर देशों का हाइपरसोनिक हथियारों पर फोकस
दुनिया के कई ताकतवर देश आधुनिकता के दौर में हाइपरसोनिक हथियारों को मजबूत करने में लगे हैं। इससे पहले अमेरिका ने एयर- ब्रीदिंग हाइपरसोनिक हथियार का सफल परीक्षण किया था। जिसकी रफ्तार ध्वनि की चाल से पांच गुना ज्यादा है। इसके बारे में बताया जाता है कि यह राड़ार की पकड़ में नहीं आ पाता है। अमेरिका इसका परीक्षण आठ साल पहले से कर रहा था। इसके बारे में कहा जाता है कि इसकी मारक क्षमता इतनी अधिक होती है कि यह चीन और रूस तक भी हमला कर सकती है।
क्या हैं हाइपरसोनिक मिसाइल?
हाइपरसोनिक का मतलब आवाज की स्पीड( 1235 किमी प्रतिघंटा) से कम से कम 5 गुना तेज। जिसकी कम से कम रफ्तार 6174 किमी प्रतिघंटा हो। हाइपरसोनिक मिसाइल क्रूज और बैलिस्टिक मिसाइल युक्त होती हैं। जो लॉंन्ज क् बाद पृथ्वी की कक्षा से बाहर जाती है। इसके बाद जमीन या हवा में मौजूद टारगेट को भेदती है। साथ ही तेज रफ्तार होने से राड़ार भी इसे नहीं पकड़ पाता है।