लंबे खिंचते युद्ध से पस्त हुए पुतिन के हौसले, रणनीति बदलकर हमला करने पर हुए मजबूर

रूस-यूक्रेन युद्ध लंबे खिंचते युद्ध से पस्त हुए पुतिन के हौसले, रणनीति बदलकर हमला करने पर हुए मजबूर

Bhaskar Hindi
Update: 2022-04-25 14:41 GMT
लंबे खिंचते युद्ध से पस्त हुए पुतिन के हौसले, रणनीति बदलकर हमला करने पर हुए मजबूर
हाईलाइट
  • अमेरिका से घातक हथियारों की सप्लाई तेज
  • यूक्रेन को पश्चिमी देशों से काफी मदद मिला

डिजिटल डेस्क, कीव। यूक्रेन और रूस के बीच दो माह से जंग जारी है। विश्वभर के सभी देश रूस से शांति प्रिय तरीके से यूक्रेन विवाद को सुलझाने की वकालत कर चुके हैं। लेकिन रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सभी देशों के सुझाव को ठुकरा दिया और यूक्रेन के खिलाफ युद्ध जारी रखा। गौरतलब है कि रूस ने यूक्रेन के खिलाफ बीते 24 फरवरी को युद्ध छेड़ा था। जिसके बाद से दोनों सेनाओं की तरफ से जबरदस्त बमबारी जारी है। यूक्रेन के कई शहर तबाह हो चुके हैं।

दोनों देशों के बीच भीषण युद्ध में यूक्रेन के साथ-साथ बड़ी तादाद में रूसी सैनिकों ने भी अपनी जान गंवाई है। पश्चिमी देशों ने रूस पर कई तरह से प्रतिबंध भी लगा दिए हैं। रूस को आर्थिक नुकसान भी इस युद्ध में भुगतना पड़ रहा है। हालांकि अभी तक रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को मनचाही सफलता नहीं मिल पाई है। परमाणु हथियारों से लैस रूस दो माह बाद भी युद्ध को अपने पक्ष में मोड़ने में असमर्थ है।

रूस का प्लान हुआ फेल

रूस-यूक्रेन के बीच जारी जंग लंबे खिंचते जा रहे हैं। रूस ने यूक्रेन पर जब आक्रमण किया था, तो उसका प्लान था कि राजधानी कीव पर जल्द से जल्द कब्जा किया जाए। हालांकि रूस का यह प्लान पूरी तरह से फेल हो चुका है। यूक्रेन की सेना ने रूसी सैनिकों को मुंहतोड़ जवाब दिया, जिसकी वजह से रूसी सेना को अपने कदम वापस करने पड़े। रूस ने रणनीति को बदलते हुए अब पूर्वी और दक्षिणी मोर्चे पर कुछ सेना को फिर से तैनात किया है। 

इन इलाकों में रूस को ज्यादा नहीं मिली सफलता

रूस भले ही यूक्रेन के कई इलाकों पर कब्जा जमा लिया था। लेकिन अब हालात कुछ अलग ही दिखने लगे हैं। दक्षिणी खेरसॉन शहर में यूक्रेनी सेना के जबरदस्त पलटवार से रूस की सेना को पीछे हटना पड़ा है। जिसकी वजह से रूस ने अपनी रणनीति को बदलते हुए अब पूर्वी और दक्षिणी मोर्चे पर कुछ सेना को फिर से तैनात किया है। यूक्रेन के खारकीव शहर में भी रूसी सैनिक पीछे हटे हैं। यूक्रेन को पश्चिमी देशों से काफी मदद मिला है। अमेरिका से घातक हथियारों की सप्लाई तेज है। जिससे यूक्रेन भी रूस को मुंहतोड़ जवाब दे रहा।

यूक्रेन को इस तरह घेरना चाहते हैं पुतिन

खबरों के मुताबिक, पुतिन जेलेंस्‍की के साथ मुलाकात से बच रहे हैं और उनकी कोशिश है कि इससे पहले ही सब कुछ फैसला हो जाए। यूक्रेनी राष्‍ट्रपति ने कहा है कि वह रूस के साथ शांति वार्ता करना चाहते हैं लेकिन अगर मारियुपोल में हत्‍या जारी रहती है, तो वह नहीं करेंगे। यूक्रेन के अधिकारियों को डर सता रहा है कि पुतिन दोनबास की बजाय पूरे दक्षिणी-पूर्वी यूक्रेन पर कब्‍जा कर सकते हैं ताकि यूक्रेन को समुद्र से काट दिया जाए। विदेशी मामलों के जानकारों का कहना है कि यूक्रेन को घेरने के लिए रूसी राष्ट्रपति पुतिन की ये नई दांव है।

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