अमेरिका आतंकवाद के खिलाफ अपनी और अपने सहयोगियों की रक्षा करता रखेगा - अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन
संयुक्त राष्ट्र महासभा अमेरिका आतंकवाद के खिलाफ अपनी और अपने सहयोगियों की रक्षा करता रखेगा - अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन
- आतंकवाद के खिलाफ अमेरिका अपने सहयोगी देशों की रक्षा करेगा - जो बाइडेन
- हम एक और शीत युद्ध नहीं चाहते - जो बाइडेन
- हम कूटनीति के दरवाजे खोल रहे हैं - जो बाइडेन
डिजिटल डेस्क, न्यूयॉर्क। न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन ने कहा, हम एक और शीत युद्ध नहीं चाहते, जिसमें दुनिया विभाजित हो। अमेरिका किसी भी राष्ट्र के साथ काम करने के लिए तैयार है जो शांतिपूर्ण प्रस्तावों का अनुसरण करता हो, क्योंकि हम सभी अपनी असफलताओं के परिणाम भुगत चुके हैं। बाइडेन ने आगे कहा कि अमेरिकी सैन्य शक्ति हमारे अंतिम उपाय का साधन होनी चाहिए, हमारी पहली नहीं। पीड़ा और असाधारण संभावनाओं के इस समय में हमने बहुत कुछ खोया है। हमने लाखों लोगों को खोया है। प्रत्येक मृत्यु हृदयविदारक है। आज हम आतंकवाद के ख़तरे का सामना कर रहे हैं, हमने अफगानिस्तान में 20 साल से चल रहे संघर्ष को समाप्त कर दिया है। हम कूटनीति के दरवाजे खोल रहे हैं।
बाइडेन ने कहा, पिछले महीने काबुल हवाई अड्डे पर हुए आतंकवादी हमले में हमने 13 अमेरिकी हीरो और कई अफगान नागरिकों को खो दिया। जो लोग हमारे खिलाफ आतंकवाद को बढ़ावा देते हैं, वे अमेरिका को एक कट्टर दुश्मन के रूप में पाएं। अमेरिका अब वही देश नहीं रहा जिस पर 20 साल पहले 9/11 को हमला हुआ था। आज हम ज़्यादा ताकतवर और आतंकवाद की चुनौतियों के लिए तैयार हैं। अमेरिका आतंकवाद के खिलाफ अपनी और अपने सहयोगियों की रक्षा करता रखेगा। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि यूएनएससी ने अफगानिस्तान के लोगों का समर्थन करने के तरीके को रेखांकित करते हुए एक प्रस्ताव अपनाया और तालिबान से उम्मीदें रखीं। हम सभी को महिलाओं, लड़कियों के अधिकारों की वकालत करनी चाहिए ताकि वे हिंसा और धमकी से मुक्त होकर अपने सपनों को पूरा कर सकें।
बाइडेन ने कहा, हमारी सुरक्षा, समृद्धि, स्वतंत्रता आपस में जुड़ी हुई है। हमें पहले की तरह एक साथ काम करना चाहिए। हथियार कोविड-19 या फ्यूचर वेरिएंट से हमारा बचाव नहीं कर सकते, सामूहिक विज्ञान और राजनीतिक इच्छाशक्ति कर सकती है। हमें अभी काम करने की ज़रूरत है। भविष्य के लिए वैश्विक स्वास्थ्य सुरक्षा को फाइनेंस करने के लिए हमें एक नया मकैनिजम बनाने की ज़रूरत है।