नए उग्रवादी संगठन ने पाकिस्तानी जासूस का सिर काटने का वीडियो साझा किया

पाकिस्तान नए उग्रवादी संगठन ने पाकिस्तानी जासूस का सिर काटने का वीडियो साझा किया

Bhaskar Hindi
Update: 2022-12-15 16:00 GMT
नए उग्रवादी संगठन ने पाकिस्तानी जासूस का सिर काटने का वीडियो साझा किया
हाईलाइट
  • भागने से पहले व्यक्ति का सिर काटते हुए देखा जा सकता है

डिजिटल डेस्क, कराची। खुद को मजलिस-ए-अस्करी (सैन्य परिषद) कहने वाले एक नए उग्रवादी संगठन ने कथित तौर पर एक व्यक्ति का सिर कलम करने का वीडियो साझा किया है। मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के लक्की मारवात में कथित तौर पर एक पाकिस्तानी जासूस था। एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, संगठन द्वारा सोशल मीडिया पर साझा किए गए दो मिनट के वीभत्स वीडियो क्लिप में उग्रवादियों को लाश को छोड़कर घटनास्थल से भागने से पहले व्यक्ति का सिर काटते हुए देखा जा सकता है।

वीडियो को कथित तौर पर उग्रवादी संगठन द्वारा सोशल मीडिया पर साझा किया गया था, जिसे बाद में एक अन्य अल्पज्ञात संगठन इत्तेहादुल मुजाहिदीन ने भी जारी किया। हालांकि, इत्तेहादुल मुजाहिदीन, तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) में शामिल हो गया और बन्नू और लक्की मरवत जिलों में हाल ही में सिर कलम किए जाने की घटनाओंकी निंदा की। स्थानीय सूत्रों ने पुष्टि की है कि आतंकवादी समूह का नेतृत्व टीटीपी के पूर्व कमांडर अख्तर मुहम्मद खलील कर रहे हैं।

एक्सप्रेस ट्रिब्यून की खबर के मुताबिक, खलील ने 2000 के दशक की शुरुआत में हाफिज गुल बहादुर से नाता तोड़ लिया था और वह पहले टीटीपी के शूरा का सदस्य बना रहा था। कमांडर ने गुल बहादुर समूह के उत्तरी वजीरिस्तान अमीर के रूप में काम किया था, लेकिन बाद में संगठन के साथ मतभेद हो गए, खासकर उसकी क्रूरता को लेकर। खलील सबसे क्रूर कमांडरों में से एक था और 2001 से 2009 के बीच सैन्य और पुलिस अधिकारियों का सिर कलम करने के लिए जाना जाता था। बाद में वह दृश्य से लगभग गायब हो गया था।

प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन टीटीपी ने नवंबर में एक बयान में कहा था कि उसने जून में संघीय सरकार के साथ हुए संघर्ष विराम को वापस ले लिया है और अपने उग्रवादियों को देशभर में आतंकवादी हमले करने का आदेश दिया है। एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने बताया कि टीटीपी अफगानिस्तान में तालिबान से एक अलग इकाई है, लेकिन एक समान कट्टर विचारधारा साझा करती है। साल 2007 में उभरने के बाद से टीटीपी सैकड़ों हमलों और हजारों मौतों के लिए जिम्मेदार रही है।

(आईएएनएस)

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