पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान का होगा बंटाधार? क्या आईएमएफ भी खींच लेगा अपना हाथ, तब क्या करेगा पाकिस्तान!

कंगाली की राह पर चला 'पाक' पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान का होगा बंटाधार? क्या आईएमएफ भी खींच लेगा अपना हाथ, तब क्या करेगा पाकिस्तान!

Bhaskar Hindi
Update: 2023-02-09 11:33 GMT
पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान का होगा बंटाधार? क्या आईएमएफ भी खींच लेगा अपना हाथ, तब क्या करेगा पाकिस्तान!
हाईलाइट
  • पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति बद से बदतर होती जा रही है।

डिजिटल डेस्क, इस्लामाबाद। पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति बद से बदतर होती जा रही है। अमेरिका, चीन समेत कई देशों के आगे अपना हाथ फैला चुका है लेकिन उसे कोई तवज्जो नहीं दे रहा है। हालांकि, आईएमएफ यानी अंतर्राष्ट्रीय मौद्रिक कोष से पाक लंबे समय से कर्ज लेने के लिए उस के सामने गिड़गिड़ा रहा है। लेकिन वो भी अभी कुछ कहने के मूड में नहीं है। पाक मीडिया की मानें तो, गुरूवार को आईएमएफ और पाकिस्तान के बीच बैठक हुई। लेकिन दोनों के बीच बात नहीं बनी। खबरों की मानें तो, दोनों पक्षों में बाहरी वित्त पोषण अनुमानों और सटीक घरेलू राजकोषीय उपायों पर बात नहीं बन पाई है।

शहबाज शरीफ को है भरोसा

पाक के डॉन अखबार के अनुसार, पाकिस्तान पर्याप्त ऊर्जा लागत समायोजन, वित्त पोषण अनुमानों सहित बजटीय कदमों पर स्पष्ट योजना को बनाते हुए आईएमएफ के अधिकारियों को सौंप देना चाहता था। लेकिन ऐन वक्त में पाक ऐसा नहीं कर पाया। जिसके बाद से ही तरह-तरह के सवाल उठने लगे हैं। बता दें कि,शहबाज सरकार को उम्मीद है कि आईएमएफ के साथ बात बन जाएगी और मुद्रा कोष देश को कर्ज से उभारने के लिए कुछ राहत देगा। 

पाक की मंत्री ने किया दावा

इस पूरे मसले पर पाक के एक अधिकारी ने कहा " बुधवार रात तक हमें इकोनॉमिक एंड फाइनेंशियल पॉलिसीज यानी एमईएफपी का कोई ड्रॉफ्ट नहीं मिला है।" साल 2019 के दौरान इमरान सरकार आईएमएफ का 6 अरब डॉलर कार्यक्रम का हिस्सा बनी थी। जिसको साल 2022 में 6 से 7 अरब डॉलर बढ़ा दिया गया था। पाकिस्तान सरकार और आईएमएफ अधिकारियों के बीच इस बार 1.18 अरब डॉलर एमईएफपी करने की बात हुई है। पाक सरकार की  वित्त राज्य मंत्री आयशा गौश पाशा ने कहा, "हम इसे पूरा करने के बहुत करीब हैं।"

फूंक-फूंक कर कदम रख रहा है आईएमएफ

पाशा ने आगे कहा कि, बस एक बार आईएमएफ एमईएफपी सौंप दे, जिसके बाद से तमाम मुद्दों पर बात पूरी हो जाएगी। वित्त राज्य मंत्री की मानें तो, पाक और आईएमएफ के बीच कई अहम मुद्दों पर बात बन गई है। लेकिन अतंर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष को उन बातों में से कुछ पर स्पष्टता चाहिए। जिन पर हमारी सरकार के लोग अभी काम कर रहे हैं। दरअसल, पाकिस्तान को लेकर आईएमएफ कोई चूक नहीं करना चाहता है। क्योंकि पाक की आर्थिक स्थिति बहुत ही खराब है। अगर मुद्रा कोष पाकिस्तान को कर्ज देता है तो उसे पता है कि इतना जल्दी पाक उनकी कर्ज को लौटाने में सक्षम नहीं है। इसलिए वह इधर से उधर कन्नी काटते हुए दिखाई दे रहा है। 

 

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